‘झुक’ कर चलने की ‘आदत’ है तो ‘कंकड़-पत्थर’ पार कर लोगे,’अकड़ खान’ की ‘जमीन सूंघनी’ निश्चित है |
[1] जरा सोचो ‘जाहिलों’ का जमाना है, ‘दिल्लगी’ उनका ‘शौके बहार’ है, यह ‘ हकीकत &…
[1] जरा सोचो ‘जाहिलों’ का जमाना है, ‘दिल्लगी’ उनका ‘शौके बहार’ है, यह ‘ हकीकत &…
[1] जरा सोचो ‘कोशिश’ करने वालों का ‘वक्त’ भी साथ देता है, ‘कामचोरी’ जिसके सिर …
[1] जरा सोचो ‘भाग्य’ नहीं सही ‘उद्देश्य’ की अग्रसरता ‘कामयाबी’ दिलाती है ! ̵…
[1] जरा सोचो ‘ पत्थर ‘ बन कर सभी की ‘राह’ ‘कठिन’ बना दोगे, ‘मोम’ बनकर…
[1] जरा सोचो ‘ मन मंदिर’ अशुद्ध रखते हो, ‘मंदिर’ में खूब चढ़ाते हो, ‘तमन्ना’ पूरी नहीं ह…
*कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी* *कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।* *न पूर्ण विराम सुख में,* *न पूर्ण विराम दुःख म…
सभी कहते हैं – सब मुकद्दर की बात है – कोई क्या करे ? परंतु मुकद्दर हमेशा कुछ काम…
कृपया नीचे लिखी बातों पर विचार करें , चिंतन करें ! शायद आपका भला हो जाए :- (1) किसी के गुण दोष की आलोचना …
[1] जरा सोचो ‘लाख बुराई कर , किसी का कितना भी ‘ बुरा ‘ कर दे, ‘होगा वही’ जो ‘वि…
‘नम्रता और मधुरता ‘ का जादू हमेशा चलता है ( एक प्रेरक कहानी ) एक राजा था उसने …
[1] आरक्षण ” से देश को बचाओ :-:- “हम सभी कहते हैं ‘ ‘बेटियाँ …
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