[1] “जब भी मुसीबत आती है “,”वो” ” मुझे बचा लेता है” , “उसको कभी देखा नहीं ‘,”मैं अदब से सिर झुकता हूँ ” | [2] ‘सुख-दुख और यादों’ का पिटारा है जिंदगी, ‘संबंधों में गहराई नहीं तो ,’जिंदगी अधूरी समझ अपनी’। [3] ‘जब ‘ विश्वास ‘ ही तोड़ दिया, माफी का सवाल ही खत्म, ‘अपने हिसाब से जीना ही …
” कुछ हमारी-तुम्हारी रोज़ की बातें ” जरा ध्यान दीजिये |
