*गुम हो गए संयुक्त परिवार* *एक वो दौर था* जब पति, अपनी भाभी को आवाज़ लगाकर* घर आने की खबर अपनी पत्नी को देता था । पत्नी की *छनकती पायल और खनकते कंगन* बड़े उतावलेपन के साथ पति का स्वागत करते थे । बाऊजी की बातों का.. *”हाँ बाऊजी”* *”जी बाऊजी”*’ के अलावा दूसरा जवाब नही होता था । *आज बेटा …
” गुम हो गए संयुक्त परिवार “– एक विवेचना , { कल और आज }
