‘आशीर्वाद’ और ‘भरोसा’-‘गुलाब सी खुशबू’ फैलाते हैं , ‘हानिकारक’ कुछ भी नहीं |
[1] जरा सोचो यदि ‘तुम्हें’ ना ‘अपनों’ की ‘कद्र’ ना ‘दौलत’ की,’अधोगति…
[1] जरा सोचो यदि ‘तुम्हें’ ना ‘अपनों’ की ‘कद्र’ ना ‘दौलत’ की,’अधोगति…
[1] जरा सोचो ‘फर्जी गांधी’ बनो या ‘देश के प्रहरी ‘, तुम्हारी ‘सोच का कमाल’ है,…
[1] जरा सोचो ‘दूसरों’ को सुनना , समझना , और सम्मान देना, ‘आदत’ बना अपनी, यह ‘सफलता का …
[1] जरा सोचो हम से ‘मिलिए’ , हम सभी में ‘कमी’ निकाल देते हैं, अपने ‘गुनाहों’ प…
[1] जरा सोचो ‘ बेवफा दुनियां’ से ‘वफा की आशा’ ‘धूल में लट्ठ’ चलाना है, जितना च…
[1] जरा सोचो ‘स्नेह’- ‘गैरहाजिर’ क्या हुआ, ‘नफरत’ ने अड्डा जमा लिया, काश ! मिलजुल …
[1] जरा सोचो यदि कोई ‘गहरी संवेदना’ और ‘विलक्षण कल्पना शक्ति’ प्रदर्शित करता है, बहुत कुछ &…
[1] जरा सोचो ‘इंसान’ आसानी से ‘चुप’ नहीं रहता अच्छा/ बुरा कुछ भी करे, ‘करता है’…
[1] जरा सोचो ‘दम’ निकलने पर आओगे, यह कौन सा ‘उसूल’ है यारब? मेरी जिंदगी का ‘सवाल̵…
[1] जरा सोचो ‘मां’ से ‘संस्कार’ मिलें, ‘पिता’ से ‘ सुख सुविधा’ के साम…
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