January 27, 2021
लेखक परिचय
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Posts By Tara Chand Kansal
ज़रा सोचो
‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धकेल देगा
प्रेरणादायक कविता
नकारात्मक सोच’ ‘ इंसान को’ ‘ खत्म कर डालती
प्रेरणादायक कविता
सदा याद रक्खे’ – ‘तुम किस दिशा’ मे और ‘किस गति ‘ से बढ़ रहे हो
प्रेरणादायक कविता
वर्तमान’ को ‘सुधारो’ तो ‘ भविष्य ‘ ‘स्वम सुधरता’ है
धार्मिक कविताएँ
इच्छा’ , ‘वासना’, ‘कामना’ ,’त्याग तो सही’ ,’ तृष्णा से बच’ तो सही
उदासी की कविताएँ
विषयों को’ ‘ हमने नहीं भोगा’ ,’विषयों ने’ ‘हमको भोग लिया
उदासी की कविताएँ
इन आँखों से’ ‘सपनों’ को ‘टूटने का दर्द’ ‘ देखा है’
ज़रा सोचो
अपने जीवन मूल्य’ ‘ तय करें’ , ‘जिसके अनुसार’ ‘ आप जीना ‘ चाहते हैं
ज़रा सोचो
यदि हम’ ‘अपनी प्रशंसा’ सुनकर ‘फूल जाते हैं’ , ‘तो कमजोर हैं
प्रेरणादायक कविता
सफलता’ ‘उसी को मिलती है’,’जिसे सफलता पर’ ‘विश्वास’ होता है
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‘आपस में रूठे’ रहे तो ‘मनाने’ की ‘व्यवस्था खतम’ , ‘मिल कर जियो’ तो जीना है |
चार दिन की जिंदगी’ ‘खुश हो कर काट ले ,सबका ‘दिल’ दुःखा कर किसलिए जीना ?
‘किसी को ‘बददुआ’ मत देना , तुम्हें भी ‘बददुआ’ लग जाएगी | कुछ समयोचित छंद |
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