[1]
कोरोना संक्रमण
‘जहां में गमों का दौर है,इम्तिहान की घड़ी लगती है ,
‘ शांति और संयम ‘ के रथ पर चढ़े रहना जरूरी है ,
‘संभाल कर कदम बढ़ते रहे तो खुशियाँ लौट आएंगी ,
‘ चुहलबाजी को विराम देना , आज की जरूरत है |
[2]
‘तन्हाई’ कभी ‘अकेली’ नहीं होती , हमारी ‘ यादें ‘ साथ रहती हैं ,
‘कभी ‘हंस’ लेते हैं, कभी ‘ रो’ लेते हैं , बस इतना फसाना है ‘|
[3]
जरा सोचो
‘खुशी’ बांटने से बढ़ती है , सदा अपनों को ‘ जोड़ती ‘ है ,
‘अंतर्मुखी मन’ से खुश रहे तो, ‘शांति से ‘उम्र’ कट जाएगी’ !
‘खुशी’ बांटने से बढ़ती है , सदा अपनों को ‘ जोड़ती ‘ है ,
‘अंतर्मुखी मन’ से खुश रहे तो, ‘शांति से ‘उम्र’ कट जाएगी’ !
[4]
जरा सोचो
‘नजर’ इंसान की खराब और ‘पर्दा’ औरत करें, गजब का ‘फलसफा’ है,
‘ समानता ‘ का जमाना है जनाब, ‘अपनी सोच ‘ को उन्नत बनाइए” !
‘नजर’ इंसान की खराब और ‘पर्दा’ औरत करें, गजब का ‘फलसफा’ है,
‘ समानता ‘ का जमाना है जनाब, ‘अपनी सोच ‘ को उन्नत बनाइए” !
[5]
जरा सोचो
‘दिल’ तोड़ कर कहते हो , तुम सदा ‘ मुस्कुराया ‘ करो,
‘कटे पर नमक’ डालने से पहले ‘कह’ देते तो अच्छा था’ !
‘दिल’ तोड़ कर कहते हो , तुम सदा ‘ मुस्कुराया ‘ करो,
‘कटे पर नमक’ डालने से पहले ‘कह’ देते तो अच्छा था’ !
[6]
जरा सोचो
‘ सत्य की खनक ‘ दुनिया में ‘ अनमोल ‘ होती है ,
‘अब वह भी ‘दौलत की चकाचौंध’ में ‘गुम’ होती देखी है’ !
‘ सत्य की खनक ‘ दुनिया में ‘ अनमोल ‘ होती है ,
‘अब वह भी ‘दौलत की चकाचौंध’ में ‘गुम’ होती देखी है’ !
[7]
जरा सोचो
‘ कोई रिश्ता ‘ कभी ‘ कुदरती मौत ‘ से नहीं मरता ,
‘हमारी गलतफहमी, नफरत, और नजरअंदाजी, मार डालती है’ !.
‘ कोई रिश्ता ‘ कभी ‘ कुदरती मौत ‘ से नहीं मरता ,
‘हमारी गलतफहमी, नफरत, और नजरअंदाजी, मार डालती है’ !.
[8]
जरा सोचो
‘ कल ‘ का भरोसा करके जो जिया , उल्टे मुंह ‘ जा गिरा,
‘ ना ‘कल’ आएगा, ना बात बनेगी ,’अधर’ में लटक जाएगा प्यारे’ !
‘ कल ‘ का भरोसा करके जो जिया , उल्टे मुंह ‘ जा गिरा,
‘ ना ‘कल’ आएगा, ना बात बनेगी ,’अधर’ में लटक जाएगा प्यारे’ !
[9]
जरा सोचो
‘हर बात पर लोगों को ‘ रुलाता ‘ है , घर में रोज ‘ हवन ‘ कराता है,
‘घर में आग’ लग जाएगी, ‘हंसाने की युक्ति’ तुरंत काम में लाओ’ !
‘हर बात पर लोगों को ‘ रुलाता ‘ है , घर में रोज ‘ हवन ‘ कराता है,
‘घर में आग’ लग जाएगी, ‘हंसाने की युक्ति’ तुरंत काम में लाओ’ !
[10]
जरा सोचो
‘इच्छाएं ,अहंकार और नकारात्मकता ,’ प्रभु ‘ से मिलने नहीं देते,
‘इनके विरुद्ध ‘कठोर नीति’ अपनाएं ,’ विशुद्ध ‘ जीवन जी जाएंगे !
‘इच्छाएं ,अहंकार और नकारात्मकता ,’ प्रभु ‘ से मिलने नहीं देते,
‘इनके विरुद्ध ‘कठोर नीति’ अपनाएं ,’ विशुद्ध ‘ जीवन जी जाएंगे !