[1]
हमारे देश में :-
“अरबों के घोटाले हो गए “, “जबतक सिर से पानी ऊपर उठे’ ,’ झपकी लेते रहे’ ,
‘आरोपी चपत लगा कर चंपत हो गए ‘, ‘ वित्त व्यवस्था कि नीव कमजोर है ‘,
“प्रशासन तथा रसूखदार लोगों के लिए ” “नियमों को नज़र अंदाज़ करते हैं ” ,
“कौन बताएगा” -” प्रणाली असफल क्यों है ” ? “पुख्ता नियम क्यों नहीं बनते ” |
[2]
हमारे देश में :-
‘त्याग और संयम ”जैसे मूल्य किसी एक पूजा या संप्रदाय के नहीं होते” ,
” देश कि विविधता में एकता के स्वरूप का सम्मान होना ही चाहिए” ,
” समाज को जोड़ कर आगे बढ़ने का काम”, “सर्वोत्तम विधा है हमारी” ,
“झगड़ों कि आग पर दुनियाँ रोटी सेक लेती है “,”सब मिल कर चलें “| |
[3]
” आंदोलन की आड़ में” ” इंसानियत की मौत दिखाई देती है “,
” ज़िम्मेदारी निभाओ “,”उत्तम आ करके दिखाओ”,’ आगे बढ़ो ” ,
” कमजोर पर लाठी चला कर ,” ” कत्ल करके क्या मिलेगा ” ?
“पसीना बहाओ” ,”विकास का रास्ता पकड़ो”,”दुनियाँ तुम्हारी है” |