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“व्यस्त जीवन ” से “समय” बचाओ , “बच्चों ” का अनिवार्य “सामान्य जीवन ” बढ़ाओ , उनकी ” जिज्ञासा ” को जगाओ , “उन्नत संस्कार” बढ़ाओ , उनकी ” रूचि” के अनुसार काम करने की ” स्वतन्त्रता” दो | एक दिन वो पूर्ण “स्वावलम्बी” बन कर देश का “भविष्य” बन जाएंगे |

 

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