‘कम खाना’ , ‘कम बोलना’ ,’अपने काम मैं लगे रहना’ ,’ भूल गए हैं हम ‘,
‘माता-पिता’ और ‘बुज़ुर्गों’ की ‘इज्ज़त नहीं’,’उन्हें नकारने का चलन चल पड़ा’ ,
‘मैं जो कुछ कर रहा हूँ ठीक है’ ‘बाकी सब गलत’ , ‘अब आज की सोच है’ ,
‘हर बात भेदभाव भरी होती है’ ,’बहुर्मुखी बनकर ज़ीना’ ‘दूर की कौड़ी है अब’ |