*गीता में साफ़ शब्दो मे लिखा है..*_
_*निराश मत होना..*_
_*कमजोर तेरा वक्त है..*_
_*तू नही……..*_
_*ये संसार “जरूरत” के नियम पर चलता है….*_
_*सर्दियो में जिस “सूरज”*_
_*का इंतजार होता है,*_
_*उसी “सूरज” का गर्मियों में*_
_*तिरस्कार भी होता है…..*_
_*आप की कीमत तब तक होगी जब तक आपकी जरुरत है…!*_
*”तालाब एक ही है..,*
*उसी तालाब मे हंस मोती चुनता है और बगुला मछली…!*
*सोच सोच का फर्क होता है…!*
*आपकी सोच ही आपको बड़ा बनाती है…!!*
*यदि हम गुलाब की तरह खिलना*
*चाहते हो तो काँटों के साथ*
*तालमेल की कला सीखनी होगी*…
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