Home कविताएं प्रेरणादायक कविता ‘हीन मत बनो’ , ‘वास्तविक आनंद नहीं मिल पाएगा ‘ |

‘हीन मत बनो’ , ‘वास्तविक आनंद नहीं मिल पाएगा ‘ |

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‘मन   को   एकाग्र   रखना    कठिन   है’  ,  ‘पर  असंभव   नहीं ‘ ,

‘अस्थिरता  -‘सदा   दुःखद  स्थिति  के  अधीन   कर   देती   है’ ,

‘अनुचित  एवम  विवेकहीन  विचारों  को’  ‘मन  में  न  आने  दो’ ,

‘हीनता’-‘कभी  वास्तविक  सुख ‘का ‘आनंद  लेने  ही  नहीं  देती’  | 

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