एक ” खुशी तलासने का ” तरीका ढूंढा है आपके लिए ” | ‘जरा देखें शायद आपके काम आ जाए ‘ |
परेशानियों में भी खुशियाँ तलासते रहिए और हर हाल में ईश्वर का शुक्रिया भी अदा करते रहिए | जीने का आनंद चौगुना हो जाएगा |
🌹 एक महिला की आदत थी , कि वह हर रोज सोने से पहले , अपनी दिन भर की खुशियों को एक काग़ज़ पर लिख लिया करती थीं …. एक रात उन्होंने लिखा :
🌹 *मैं खुश हूं , * कि मेरा पति पूरी रात , ज़ोरदार खर्राटे लेता है . क्योंकि वह ज़िंदा है , और मेरे पास है . ये ईश्वर का शुक्र है..
🌹 * मैं खुश हूं ,* कि मेरा बेटा सुबह सबेरे इस बात पर झगड़ा करता है , कि रात भर मच्छर – खटमल सोने नहीं देते . यानी वह रात घर पर गुज़रता है , आवारागर्दी नहीं करता . ईश्वर का शुक्र है ..
🌹 * मैं खुश हूं ,* कि, हर महीना बिजली , गैस , पेट्रोल , पानी वगैरह का , अच्छा खासा टैक्स देना पड़ता है . यानी ये सब चीजें मेरे पास , मेरे इस्तेमाल में हैं . अगर यह ना होती , तो ज़िन्दगी कितनी मुश्किल होती ? ईश्वर का शुक्र है. .
🌹 * मैं खुश हूं ,* कि दिन ख़त्म होने तक , मेरा थकान से बुरा हाल हो जाता है . यानी मेरे अंदर दिन भर सख़्त काम करने की ताक़त और हिम्मत , सिर्फ ईश्वर की मेहर से है ..
🌹 * मैं खुश हूं ,* कि हर रोज अपने घर का झाड़ू पोछा करना पड़ता है , और दरवाज़े – खिड़कियों को साफ करना पड़ता है . शुक्र है , मेरे पास घर तो है . जिनके पास छत नहीं , उनका क्या हाल होता होगा ? ईश्वर का शुक्र है ..
🌹 * मैं खुश हूं ,* कि कभी कभार , थोड़ी बीमार हो जाती हूँ . यानी मैं ज़्यादातर सेहतमंद ही रहती हूं . ईश्वर का शुक्र है ..
🌹 * मैं खुश हूं ,* कि हर साल त्यौहारो पर तोहफ़े देने में , पर्स ख़ाली हो जाता है . यानी मेरे पास चाहने वाले , मेरे अज़ीज़ , रिश्तेदार , दोस्त , अपने हैं , जिन्हें तोहफ़ा दे सकूं . अगर ये ना हों , तो ज़िन्दगी कितनी बेरौनक हो ..? ईश्वर का शुक्र है
..
🌹 * मैं खुश हूं ,* कि हर रोज अलार्म की आवाज़ पर उठ जाती हूँ . यानी मुझे हर रोज़ , एक नई सुबह देखना नसीब होती है . ये भी , ईश्वर का ही करम है ..
🌹 * जीने के इस फॉर्मूले पर अमल करते हुए , अपनी और अपने लोगों की ज़िंदगी ,
सुकून की बनानी चाहिए . छोटी या बड़ी परेशानियों में भी , खुशियों की तलाश करिए ,
हर हाल में , उस ईश्वर का शुक्रिया कर , जिंदगी खुशगवार बनायेँ ..,!!!!*_