Home कविताएं ‘हम सबका एक ही फसाना है ‘

‘हम सबका एक ही फसाना है ‘

2 second read
0
0
916

[1]

‘कुछ टूट गए हैं कुछ छूट गए हैं ‘,
‘रिस्तों का गम कहीं खो गया है ‘,
‘खुद को संभालो , सदा व्यस्त रहो’ ,
‘मस्त रहो ”यही संदेश है ‘|

[2]

‘जिसकी डोर प्रभु के हाथ लग गयी चौरासी योनियों से पार हो गया समझो’ |
‘ प्रभु  के  रंग  में  रंगने  का  प्रयास  जारी  रख ‘  तू  भी  तर  जाएगा ‘ |

[3]

‘अगर हम सत्कर्म में लगे रहे’ ,
‘हमारा कोई क्या बिगाड़ेगा’?
‘कोई कितना भी विरोधी हो ‘,
‘एक दिन शांत हो कर बैठ जाएगा ‘|

[4]

‘आगे बढ़ो गिरतों को थाम लो’ ,
‘घुटने-भर पानी में मत डुबने दो,’
‘उचित मार्ग-दर्शन उनकी जरूरत है’ ,
वे मानसिक रूप से त्रस्त होते हैं,’

[5]

मस्त-मौला !
‘मैं सबके ‘दर्द’ गिरवी रखता हूँ , ‘खुशियाँ’ उधार देता हूँ ‘,
गम जुदाओं बेफिक्र हो जाओ,प्यार से संभाल लूँगा तुम्हें ‘,
‘मैं अजब का मस्तमौला हूँ ,सभी को खुशनुमा बनाता हूँ ‘,
‘हर  दर्द  की दवा  हूँ  मैं’, ‘हर  गम  का पक्का  इलाज़  हूँ ‘|

[6]

‘हमेशा तरोताजा रहना , स्मार्ट रहना ,प्रगतिशील  रहना चाहिए ‘,
‘गंदा रहना ,न संवारना , हमारे आत्मविश्वास की कमी दर्शाता है ‘,
‘रिस्तों में मधुरता नहीं रहती’,’साफ रहना सुघडता का प्रतीक  है ‘,
‘क्यों न  हम इस कला को जीवन  में  उतार  कर  पूरा आनन्द लें ‘|

[7]

‘पति-पत्नि साथ बैठ कर पूजा करने से अहंकार खत्म होता है ‘, ‘मधुरता आती है ‘,
‘संध्या समय तुलसी के सामने दीपक जलाने से’ ‘ नकारात्मकता खत्म होती है ‘|

[8]

‘व्यसनों में रत रह कर तूने ‘सेहत’ का सत्यानाश कर लिया ‘,
‘सबसे सम्बंध खराब कर लिए , समय पर क्यों जागा नहीं ‘,
‘अब भी अहसास नहीं कुछ भी , क्या – क्या खो दिया तुमने ‘,
‘जो कुछ सम्बंध व सेहत बची है,उसी को संभाल लो अब तो ‘|

[9]

‘कुछ चीजें भाग्य से मिलती हैं ‘,
‘कुछ दुआओं से मिलती हैं ‘,
‘आओ सब मिल कर दुआ करें’ ,
‘सदबुद्धि मिल जाए सबको ‘|

[10]

‘सपने  और  खुशियाँ’  सबकी  अधूरी  ही  रहती  हैं  सदा ‘,
‘जिंदा  रहने  के  लिए  ये’ ,’गलतफहमियाँ  भी जरूरी  हैं ‘

Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…