‘हर छेत्र का आधार’ ‘लूट खसूट बन जाए ‘,‘व्यवस्था ज़रूर बिगड़ेगी’ ,
‘जब हर छेत्र में’ ‘भ्रष्टाचार का बोलबाला हो’ , ‘ कैसे जिएंगे हम’? ,
‘पुरानी व्यवस्था और संचालन’ , ‘सही निभाया ही नहीं गया यहाँ’ ,
‘गलत दिशा’ , ‘अनुचित मार्ग दर्शन ने’ ‘ देश को चोपट कर डाला’ ,
‘देर आयद दुरुस्त आयद ‘ को ‘चरितार्थ कर दो’ ‘ मेरे देश वासियों’ ,
‘ये भी मेरा वो भी मेरा ,सब कुछ मेरे बाप का’ , ‘अब तो कहना छोड़ दो’ ,
‘जीवन के हर छेत्र मे ‘मैनेजमेंट काम करता है’ तो ‘ सब कुछ ठीक है ‘,
‘काम अच्छा/बुरा कुछ भी हो’ , ‘सही संचालन ही’ ‘कामयाब कराता है’ ,
‘एक देश का सपूत’ ‘इस देश को सही दिशा में ‘‘ले जाता दिखाई देता है’ ,
‘सभी मिलकर अपना सहयोग दो उसको’ , ‘बस बाजुओं की ताकत बनो उसकी’ ,
‘जिन उलझनों से’ ‘झुलसा जा रहा है देश’, ‘जरा उस तपस का अहसास करो’ ,
‘ हम सभी को’ ‘कंधे-से कंधा मिला कर’ ‘सही दिशा मे चलने की ज़रूरत है’ |