[1]
‘ जो बिना रिस्ते रिस्ता निभाए ‘ ,’ दोस्त होता है ,’
‘ज़िंदादिल इन्सान है’,’स्नेह का सागर समाया है उसमें ‘|
[2]
‘करते -करते भी जिन्दगी , ऊहापोह में बिताए जा रहे हैं हम ‘,
‘हालात से समझौता नहीं करते ,’ ख्वाबों को घटने नहीं देते ‘|
‘हालात से समझौता नहीं करते ,’ ख्वाबों को घटने नहीं देते ‘|
[3]
‘अपनों का अपनापन जिसे मिल जाए’ ,’वो भाग्यशाली हैं ,’
‘कसमकश में मत जियो’ ,’इन मोतियों को संभाल कर रक्खो ‘|
‘कसमकश में मत जियो’ ,’इन मोतियों को संभाल कर रक्खो ‘|
[4]
‘तू सिर्फ अपना भला चाहता है तो तू भी दुर्योधन ही है ,’
‘अगर अपनों का भला चाहेगा तो तू युधिष्टर कहलाएगा ,’
‘जो सबका भला चाहेगा वो श्री कृष्ण से कम नहीं होता ,’
‘तू किस श्रेणी का प्राणी है , जरा खुद सोच कर बता “|
‘अगर अपनों का भला चाहेगा तो तू युधिष्टर कहलाएगा ,’
‘जो सबका भला चाहेगा वो श्री कृष्ण से कम नहीं होता ,’
‘तू किस श्रेणी का प्राणी है , जरा खुद सोच कर बता “|
[5]
‘आप सबको खुश नहीं कर सकते ,”सबसे खुश तो रह सकते हो ,’
‘इस नुस्खे को आज़मा लेता तो ,” जिंदगी बदल जाती तेरी ‘|
‘इस नुस्खे को आज़मा लेता तो ,” जिंदगी बदल जाती तेरी ‘|
[6]
‘जो मीठा बोल जाता है ,उसी का हो जाता हूँ ,’
‘बिक सा जाता हूँ , नत-मस्तक हूँ उसके लिए ‘|
‘बिक सा जाता हूँ , नत-मस्तक हूँ उसके लिए ‘|
[7]
‘ कुछ भी न करना , पानी पर तस्वीर बनाना सरीखा है ,’
‘खाली ख्वाब देखना बन्द करो ‘तकदीर धोखा दे जाएगी तुझको ‘|
‘खाली ख्वाब देखना बन्द करो ‘तकदीर धोखा दे जाएगी तुझको ‘|
[8]
‘उदासियों से घिरा रहता है’ ,’ज्यादा इसकी तलब अच्छी नहीं ‘,
‘मुस्कराने में खर्चा कुछ नहीं’ ,’ख्वामखा गमगीन बने बैठे हो ‘|
‘मुस्कराने में खर्चा कुछ नहीं’ ,’ख्वामखा गमगीन बने बैठे हो ‘|
[9]
‘हर रिस्ते की मर्यादा होती है’ ,’उसे पार करना अदूरदर्शिता है ,’
‘मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की कवायद का हर जगह सम्मान होता है ‘|
‘मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की कवायद का हर जगह सम्मान होता है ‘|
[10]
‘ कुछ देना है तो सर्वश्रेष्ठ ही प्रदान करो ‘, ‘ सर्वोत्तम ही वापिस आएगा ,’
‘थाली में गाली परोसोगे ‘ तो ‘हलवापुरी की अपेक्षा म्रग मारीचका समझ/ |
‘थाली में गाली परोसोगे ‘ तो ‘हलवापुरी की अपेक्षा म्रग मारीचका समझ/ |