[1]सुझाव !
‘ज्यादा टीवी में मस्त लोग अपनों को भूल जाते हैं,आँखें खराब करते हैं ‘,
‘थकान ,आलस्य ,एकाग्रता की कमी और आक्रामक व्यवहार मिलता है ‘,
ज्यादा टीवी देखने से दिल की बीमारियाँ व कैंसर का खतरा बढ़ता हैं ‘,
‘मोटापा बढ़ता है , डायबिटीज़ को जन्म देती है ,ध्यान रखना जरूरी है ‘|
[2]
‘सुपुत्र है तो नेक कमाई करके घर में आएगा ‘,
कुपुत्र- अपने काम का मलियामेट करके पछताएगा ‘|
कुपुत्र- अपने काम का मलियामेट करके पछताएगा ‘|
[3]
‘उल्झनों को ओढ़ कर क्यों जी रहे तो तुम’ ,
‘जहां सुख से जी सको ,वो ही स्थान श्रेष्ठ है ‘|
‘जहां सुख से जी सको ,वो ही स्थान श्रेष्ठ है ‘|
[4]
‘संसार में कोई भी संबंध सदा रहने वाला नहीं है ‘,
‘सभी सम्बंध मिलने और बिछुड्ने वाले होते हैं ‘,
‘जिसका संयोग हुआ है उसके वियोग निश्चित है’ ,
‘कर्तव्य पालन कर दो और आशा रहित सेवा कर दों ‘|
‘सभी सम्बंध मिलने और बिछुड्ने वाले होते हैं ‘,
‘जिसका संयोग हुआ है उसके वियोग निश्चित है’ ,
‘कर्तव्य पालन कर दो और आशा रहित सेवा कर दों ‘|
[5]
‘सिर्फ यह ध्यान रखना, तुम किसके साथ हो और कौन तुम्हारे साथ है ‘,
‘मत सोचना ,कौन मुझसे आगे है और कौन पीछे , अन्यथा पछतायेगा ‘|
‘मत सोचना ,कौन मुझसे आगे है और कौन पीछे , अन्यथा पछतायेगा ‘|
[6]
‘कर्मशील प्राणी धर्म के लफड़े में नहीं पड़ता , कर्म करता है ‘,
‘सुविचारी- गंगा में नहीं नहाता,’वहाँ पाप नहीं सिर्फ शरीर धुलता है ‘|
‘सुविचारी- गंगा में नहीं नहाता,’वहाँ पाप नहीं सिर्फ शरीर धुलता है ‘|
[7]
‘यदि संस्कारों में पला है तो इसे अपनी विरासत समझ ‘,
‘इंसानियत और ईमानदारी’ घोट कर पी जा, भला करेंगे राम ‘|
‘इंसानियत और ईमानदारी’ घोट कर पी जा, भला करेंगे राम ‘|
[8]
‘कोई ठोकर खा कर गिर पड़े तो हौसला अफजाई कर ‘,
‘चोट आज खाई है तो कल उसकी दवा भी मिल जाएगी ‘|
‘चोट आज खाई है तो कल उसकी दवा भी मिल जाएगी ‘|
[9]
‘तू अगर अपने चरित्र और स्नेह में लापरवाही बरतता है ‘,
‘तुझसे दरिद्र कोई नहीं होगा ,’ चाहे जब आजमा लेना ‘|
‘तुझसे दरिद्र कोई नहीं होगा ,’ चाहे जब आजमा लेना ‘|
[10]
‘सही काम करते रहे तो अंधेरे खतम’ ,
‘खुशी लौट आएगी ‘,
‘सारी दुनियाँ साथ छोड़ जाएगी’,
‘कर्म ही काम आएगा ‘|
‘खुशी लौट आएगी ‘,
‘सारी दुनियाँ साथ छोड़ जाएगी’,
‘कर्म ही काम आएगा ‘|