[1]
‘पुत्र मोह में राजपाट की बर्बादी,
‘महाभारत काल में देखी थी,
‘लालू , सोनिया , मुलायम , ठाकरे ,
‘दोहरा रहे हैं अब’ !
[2]
‘जो किसी भी परिस्थिति में मुस्कुराना नहीं छोड़ता,
‘ देर तो हो सकती है , ‘उळझनें सुळझती जरूर है’ !
[3]
‘हर किसी को पक्ष में या विपक्ष में,
‘निष्पक्ष होकर बात रखनी चाहिए,
‘न बोलना या गलत बोलना’ दोनों गलत,
‘सही बात पटल पर आनी चाहिए’ !
[4]
‘मैं अपनों के साथ जीता हूं ,
‘इसे हुनर ही जानिए मेरा,
‘मैं जिंदगी को जीता हूं,
‘उम्र के पन्ने’ जाया नहीं करता’ !
[5]
‘खाली सपने देखने से क्या होगा,
‘कर्मकार बनने की कोशिश नहीं,
‘भगवान ने अवसर दिया है ,
‘उसे भुनाने की कोशिश तो कर’ !
[6]
‘मेरा खानदान , परिवार , ऐसा है वैसा है , कहने से क्या होगा,
‘तेरी औकात’ तो सिर्फ तेरा व्यवहार ही, समाज को बताएगा’ !
[7]
‘अगर आप सही हैं’, तो इसका मतलब नहीं कि ‘ मैं गलत हूं,
‘मेरी निगाह से भी झांक लेते, ‘तो नजरिया ही बदल जाता ‘तेरा’ !
[8]
‘दिमाग एक भंडार घर है , ‘अच्छे बुरे विचार’ सभी समा आते हैं,
‘अगर कचरा नहीं निकला तो, ‘अमृत का स्वाद’ कैसे चख आओगे, बताओ तो’ !