[1]
‘लालसा हेतु सबसे लड़ पड़ता है’,’आडंबरों में फंसा रहता है ‘,
‘अज्ञानता से भरा मानव सही धर्म का सार जानता ही नहीं ‘|
[2]
‘प्रेमपूर्ण व्यवहार,निर्मल भावना और,
‘नेकी पवित्रता के सबूत हैं ‘,
‘भेदभाव की दीवारें खड़ी करना’ ,
‘धर्म की श्रेणी में नहीं आता ‘|
[3]
‘हम लालची और आलसी दोनों हैं’ ,
‘इसीलिए उभरते ही नहीं’,
‘इंसानियत को जंग लगा है’ ,
‘बिना हाथ हिलाये सब कुछ चाहिए’|
[4]
प्रभु कहते है —
‘मुझ पर भरोसा किया तो तुझे टूटने नहीं दूंगा’,
‘अविश्वास से जगमग रहा तो टूटना सुनिश्चित समझ ‘|
[5]
‘हम एक – दूसरे को महत्व देते रहे तो कोई नहीं टूटेगा ‘,
‘आपस में टांग खींचते रहे तो दोनों एक दिन मिट जाएंगे ,’|
[6]
‘कठिनाई तो आई मगर मैं मजबूत हो कर ही उभरा ‘,
‘मैं जानता हूँ अगर ढीला पड़ा तो मिट्टी में मिल जाऊंगा ‘|
]7]
‘जो कहो स्पष्ट कहो , सत्य कहो,
‘चाहे कोई खुश हो या नाराज़’,
‘सुंदर झूठ से प्रसन्न करना उचित नहीं ,
‘रूठे को मनाने की कला भी सीख लो’|
[8]
‘उदास मत रहना, मैं अपनी खुशी कुर्बान कर दूंगा तुझ पर’,
‘जब ‘गम’ कांटा बन सताये तो ‘मेरी खुशी का खजाना हाजिर है आपकी खातिर’|
[9]
‘मुहब्बत किसी की जागीर नहीं’ ,
‘कब किससे हो जाए कह नहीं सकते’,
‘इश्क के दरवाजे पर ताला नहीं होता’,
‘दिल में उतरने में माहिर है’|
[10]
‘अगर कोई नाराज़ है तो उसके बहाव में बह मत जाना ‘,
‘भावनाओं में दुर्भाव का कारण,’उसकी व्यक्तिगत उलझनें होंगी ‘|