{ 1 } ‘अनेकों उलझनें’ ‘अपने देश को ‘ ‘ उलझाए जाती हों जहां ‘ ,
‘करोड़ों लोग आशा लिए ‘ , ‘ कुछ अच्छे की ‘ ‘ उम्मीद मे जीते हो’ ,
‘कुछ काफिर’ – ‘ लूट को ही’ ‘ अपना ईमान मानते हों जहां ‘ ,
‘जहां अक्सर कानून भी’ ‘गुंडों की’ ‘ हाँ मे हाँ मिलाता हो’ ,
‘जहां कर्णधार ही ‘ ‘ दुल्हन की पालकी ‘ ‘ लूटने मे लगे हों ‘ ,
‘या खुदा ‘ ! तू ही अता कर ‘ , ‘उनकी कोई दवा हमको ‘ |
[ 2 ] ‘ कानून को ऐसे घुमाओ ‘ , ‘कानून ही’ ‘ खुद कानूनी नुक्ते’ ‘निकलता फिरे’ ,
‘ये है हमारे देश वासियों का नुक्ता ‘ , ‘ कानून बंगले झाँकता है हर जगह ‘ |