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हमारा देश और हम

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(1)

‘देश   को   आदर्श   बनाना   है ‘ , ‘पहले   स्वम   आदर्शवान   बनों ‘,

‘देश    में   सुख- शांति   लानी   है ‘,  ‘पहले  खुद  शांत   रहना  सीखो ‘,

‘प्रयास   करते  रहो ‘, ‘क्रोध ‘ व ‘ तनाव’  से  ‘ कैसे   जान  बचे  तुम्हारी ?

‘गर  इस  अंदाज़  मैं  जिया  हर  देशवासी ‘, ‘तो  भविष्य  उज्जवल  है ‘ |

(2)

‘देश  को  क्या  चाहिए’  ‘सभी  जानते  हैं ‘, ‘फिर  भी  अंधे  बने  हैं  लोग’ ,

‘लालच  के  वशीभूत   हो  कर’ , ‘निक्रष्टतम  काम ‘ करने   मैं ‘ लिप्त   हैं ‘ ,

‘गजब  यह  है ‘-‘अपनों   मैं   भी ‘ सिर्फ  अपना’ , ‘  देश   गया  भाड़   में ‘,

‘खुदगर्जी   का   शैतान   घूम    रहा    है ‘ ,  ‘सारे   देश    में    चहूँ  ओर ‘ |

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