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‘हमारा देश और कुछ सद-विचार ‘

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[1]

‘देशवासियों !  बहुत  सो  चुके  करवट  बदलो , पतन  से  बचो ‘,
‘अन्यायी,अत्याचारी  सभी  देश  को  निगलने  को  तैयार  हैं’ ,
‘आप स्वम  अपने भाग्य-विधाता,निर्माता व जाग्रत प्राणी हो ,’
‘अज्ञानता,आलस्य और दुर्बलता  को  उखाड़ फेंकों,आगे बढ़ो ‘|

[2]

देशवासियों  से  अपील !
‘देश  रहेगा  तो  मस्जिद  से  अजान  भी  आती  रहेगी ‘,
‘देश  रहेगा  तो  चर्च  से  भी  बेल  बजती  दिखाई  देगी ‘,
‘देश  रहेगा  तो  गुरुद्वारे  से गुरुवाणी सुनाई देती  रहेगी ,’
‘देश  रहेगा  तो  मंदिरों  में  घड़ियाल  भी  बजेंगे  ही ‘,
‘देश  रहेगा  तो  हमारी  किलकारियाँ  भी  सुनाई  देंगी ‘,
‘देश हितैषी”समदर्शी राजा’ ‘देश  की  सख्त जरूरत  है ‘|

[3]

‘दुनियाँ  तो  उल्झनों  का  समंदर  है,’ 
‘क्या-क्या  गिनायेंगे  तुझको’,
‘तूने  मुस्कराते  रहने  की  ज़िम्मेदारी  ली  है’ 
‘पीछे  मत  हटना  कभी ‘|

[4] 

‘राधा-कृष्ण  की  छवि  में  गजब  का  आकर्षण  है”निगाहें  हटती  ही  नहीं’, 
‘कुछ  ऐसी  कृपा  कर  दो ” दुनियाँ  त्याग  तेरी  शरण  में  आ  जाएँ  प्रभु’ |

[5]

‘खिलखिलाते  रहो, मुस्कराते  रहो’,
‘हर  घड़ी  यूं  ही ‘,
‘उदासियाँ  डरने  लगेंगी  पास  आने  से’ ,
‘कहीं  हँसना  न  पड  जाये ‘|

[6]

‘सत्संग  एक  कान  से  सुना  दूसरे  से  निकाल  दिया ,तेरा  क्या  होगा ‘?
‘केवट  ने  भगवान  को  भक्ति  से  बांधा ‘ ,’ भवसागर  पार  कर  गया ‘|

[7]

‘आओ !महान आदर्शों के प्रति समर्पित हो कर, जीवन को उत्तम बनाएँ ‘,
‘ तुच्छ  आकांक्षाओं  की  पूर्ति  में  लग  कर ‘ ,’ हम  तुच्छ  क्यों  बनें ‘|

[8]

बौद्धिक  विकास  के  लिए :-
1 रोजाना  एक  ‘ॐ ‘ मंत्र  का  जप  करें |
2 ‘गायत्री मंत्र ‘ की  एक  माला  का  जप  करें |
3 ‘ॐ  गंग  गणपतये  नमः ‘ मंत्र  की  माला  जपें |
4 नित्य  सूर्य  भगवान  को  जल  समर्पित  करें  तथा  एक  माला  सूर्य-मंत्र  की  करें |
नोट  :-  कुछ  समय  में  ही  आपकी  बुद्धि  तीव्र  होती  चली  जाएगी |

[9]

‘ तिरंगा  हवा  में  थिरकता  देख  नसों  में  रवानी  कोंध  जाती  है ‘,
‘दिल  देश-भक्ति  की  भावना  के  साथ  हिलोरे  मारने  लगता  है ‘,
‘हमारे  जवान  बार्डर  पर  तैनात  रह  कर रोज़  कौशल दिखाते  हैं ‘,
‘उनकी  जांबाजी  पर  हम  नतमस्तक  हैं,सबको  हमारा  सलाम ‘|

[1 0]

‘तिरंगा  हमारी  राष्ट्रीयता  और  देशभक्ति  की  भावना  का  प्रारूप  है ‘,
‘तिरंगा’  हाथ  में  लेते  ही , शरीर  के  रोंगटों  में  रवानी  आती  है ‘,
‘तिरंगा’  देश  की  शान- बान , आन में  लिपटा  सदा  मुस्कराता  है ‘,
‘तिरंगा’  तो  हमारी  भावना  का  सम्मान  है ,हमारा  स्वाभिमान  है ‘|

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