[1]
‘न ऐब है मुझमें न कोई फरेब है ‘,
‘सामान्य प्राणी हूँ ‘,
‘न मुहब्बत बदली न कोई दोस्त ,
‘हर दिल अज़ीज़ प्राणी हूँ ‘|
‘सामान्य प्राणी हूँ ‘,
‘न मुहब्बत बदली न कोई दोस्त ,
‘हर दिल अज़ीज़ प्राणी हूँ ‘|
[2]
‘करोड़ों का सोना चढ़ा कर ,
‘मंदिर के ताले में रखवा दिया ‘,
काश ! जरूरतमंदों को भोजन करा देता ,
‘कल्याण हो जाता तेरा ‘|
‘मंदिर के ताले में रखवा दिया ‘,
काश ! जरूरतमंदों को भोजन करा देता ,
‘कल्याण हो जाता तेरा ‘|
[3]
‘सरल स्वभाव’ को कमजोरी समझना कदापि उचित नहीं ‘,
‘लक्ष्मीबाई’ सामान्य औरत थी ,’सामराज्य’ हिला दिया था ‘|
‘लक्ष्मीबाई’ सामान्य औरत थी ,’सामराज्य’ हिला दिया था ‘|
[4]
‘जब-जब तकलीफ आएंगी ,
‘हम ताकतवर बनते जाएंगे ‘,
‘वो ही हौसला अफजाई करती हैं ,
‘समंदर पार करने का ‘|
‘हम ताकतवर बनते जाएंगे ‘,
‘वो ही हौसला अफजाई करती हैं ,
‘समंदर पार करने का ‘|
[5]
‘बच्चों की ज़िद नहीं मानी’,
‘नाराज़ हो जाएँ तो होने दो ‘,
‘अगर संस्कारों में ढाल दिया तो’,
‘कभी वो रोएगा नहीं ‘|
‘नाराज़ हो जाएँ तो होने दो ‘,
‘अगर संस्कारों में ढाल दिया तो’,
‘कभी वो रोएगा नहीं ‘|
[6]
‘जो कदर नहीं करता ,उसी के गीत गाते हो ‘,
‘जो क़द्रदान है तेरा , उसी को रुलाते हो ‘|
‘जो क़द्रदान है तेरा , उसी को रुलाते हो ‘|
[7]
‘अगर तू ‘लालची और आलसी’ है ,
‘मजधार में ही डूबेगा ‘,
‘न तीन का रहेगा न तेरह का,
‘कौन संभालेगा तुझे ‘|
‘मजधार में ही डूबेगा ‘,
‘न तीन का रहेगा न तेरह का,
‘कौन संभालेगा तुझे ‘|
[8]
“दिवाली पर उपहार दो तो” ” दिल से ‘प्यार का’ उपहार दो” ,
“दिवाली पर’प्यार का उपहार””सबका सबसे बड़ा ‘सम्मान है”
{9}
‘ शिकायत-शिकवों से भरा दिल है’ ,’ दिवाली पर सफाई कर डालो’ ,
‘अगर दिल की काईं में फंसे रहे तो’ ,’ जीना दूभर हो जाएगा तेरा’
{10}
‘घर-घर में रावण पैर पसारे बैठा है’ , ‘ क्यों कोई देखता ही नहीं’ ,
‘नकली रावण फूँक कर मस्त हो’,’वास्तविकता से कोसों दूर हो’|
{11}
‘दिल में भरी नफरत को झाड दो’ ,’ स्वच्छता अभियान चालू है ‘ ,
‘रुठों को मना लो प्यार से’,’दिल’-‘गुल की तरह खिलना चाहिए’ |
“दिवाली पर’प्यार का उपहार””सबका सबसे बड़ा ‘सम्मान है”
{9}
‘ शिकायत-शिकवों से भरा दिल है’ ,’ दिवाली पर सफाई कर डालो’ ,
‘अगर दिल की काईं में फंसे रहे तो’ ,’ जीना दूभर हो जाएगा तेरा’
{10}
‘घर-घर में रावण पैर पसारे बैठा है’ , ‘ क्यों कोई देखता ही नहीं’ ,
‘नकली रावण फूँक कर मस्त हो’,’वास्तविकता से कोसों दूर हो’|
{11}
‘दिल में भरी नफरत को झाड दो’ ,’ स्वच्छता अभियान चालू है ‘ ,
‘रुठों को मना लो प्यार से’,’दिल’-‘गुल की तरह खिलना चाहिए’ |