‼ *सोच और समझ में अंतर*
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●एक डॉ.चाहता है कि हर आदमी बीमार हो.!
●वकील चाहता है कि हर आदमी झगड़ालू हो.!
●पुलिस चाहती है कि हर आदमी जुल्मी हो.!
●ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी मजदूर हो.!
●दारू का ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी शराबी हो.!
●बैंक चाहता है कि हर आदमी कर्जदार हो.!
●नेता चाहता है कि हर आदमी भोला-भाला और अनपढ़ हो.!
●पुजारी चाहता है कि हर आदमी अन्धविश्वास में डूबा रहे.!
●तांत्रिक चाहता है कि हर आदमी भूत-प्रेतों से डरता रहे.!
*लेकिन*
एक *शिक्षक* ही है, जो हमेशा चाहता है, कि हर *स्त्री-पुरुष* पढ़ा लिखा हो, और जीवन में *सफलता* प्राप्त करके आगे बढ़े। जिससे वह *स्वयं* का, अपने *परिवार* का, *मानव समाज* का और *देश* का विकास करे। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
? *आइए, शिक्षक वर्ग का सम्मान करें*
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