{1}
‘ज़िंदगी ‘ को ‘समझने में’ ‘वक्त न गुजार’ ‘ ए बंदे ‘,
‘थोड़ी जी ले ज़रा’ , ‘पूरी समझ मे आ जाएगी तेरी ‘ |
{2}
‘ज़ुबान खराब होना’ ,’ दिमाग खराब होने की’ ‘पहली निशानी है’ ,
‘ज़रा मीठा बोलने लगता अगर ‘,’ सबका चहेता बन उभर जाता ‘ |
(3)
‘जब दर्द मेरा है’ , ‘किसके सामने बयान करूँ ‘,’ और क्यों करूँ ‘ ?
‘जब सारा दर्द’ ‘खुद ही पीना है’ , ‘बयां करके’ ‘ तमाशा क्यों बनूँ ‘ ?