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“सुविचार “

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“भाषा  मे  अशुद्धता  या  गलत  शब्दों  का  प्रयोग ” ” अभद्रता  है” ,
“सभी  आपके  अनुभवों  को  दर  किनार  करके  खिल्ली  उडाएंगे “,
“काम में स्वाभाविकता  एवं  स्पष्टता  होना  नितांत  अनिवार्य  है” ,
“जिम्मेदारियों को सावधानी से संभालना”,”जीवन की जरूरर  है ” |

[2]

” हालात   से  हार  मान  जाना  दिमागी  फितूर  है “, ”  सोच  का  दिवाला  है “,
“भागदौड़  भरी  जिंदगी  में” “किसी  के  बारे  में  सोचने  की  फुर्सत  किसे  है ” ,
“खुद  पर  विश्वास  करके  लीडर  बनो “”दूसरों के  कंधे  पर तलवार  नहीं  चलती” ,
“सक्रिय जीवन””परिवार मजबूतीकरण” व “निर्वाह का” “मूलमंत्र मान कर चलो” |

 

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