[1]
‘जब सुविचार और प्यार बहता हो चारों तरफ,
“सीखने और समझने के अवसर अनेक मिलते हैं’ !
[2]
‘रिश्तो में शांति तो रहे पर वार्ता कभी नहीं टूटे ,
‘ एक याद ना करे तो दूसरे को आवाज देनी चाहिए’ !
[3]
‘बीते समय से सीखिए, ‘वर्तमान’ प्रभु का प्रसाद समझ कर जिए,
‘ भविष्य’ आपको गतिमान बनाए रखता है ,’यही तो जीवन है’ !
[4]
‘शोहरत का गरूर अच्छा नहीं, ‘बेरुखी से पेश मत आना ,
‘ शबाब 1 दिन ढल जाएगा ,’ मुस्कुराहट लुटाता चल ‘ !
[5]
‘कोई तो तारीफ करते नहीं थकता,
‘ कोई जड़ खोद देता है,
‘हम गलतियां भी करते हैं,
‘कुछ ‘गलत’ ही समझते हैं हमें’ !
[6]
‘सब कुछ तुम ही सुलझाने का प्रयास करोगे तो पछताओगे, ‘अपने हिस्से की उलझने सुलझाते रहे तो आदमी बन जाओगे’ !
[7]
‘एकता ‘ में घर की ‘ ममता और शांति ‘ की सुव्यवस्था है’
‘मधुर वाणी’ ‘दौलत का भंडार’ तो ‘व्यवहार’ स्नेहायुक्त होता है’ !
[8]
‘दूसरों को खुशी देकर खुश होना सीख लो, ‘अच्छा हुनर है’,
‘ जीने का मजा आ जाएगा ,’ खोने को कुछ भी नहीं’ !
[9]
‘सभी का सहयोगी बने रहने का प्रयास,
‘आत्मबल बढ़ाता है’,
‘ न जाने किस मोड़ पर यह प्रयास,
‘सार्थक हो जाए’ !
[10]
अपनों से अपनेपन से मिले तो खुशी खिल जाएगी,
‘अधूरे मन से मुलाकात अधमरा कर देगी तुझे’ !