[1]
“जब जब खुशियों की आहट आती रहेगी तेरे घर से “,
“हमारा मन भी प्रसन्न रहेगा आपका घर देख कर ” |
[2]
‘ रिस्ता ” समझ का होता है , ‘ समझदारी ‘ से निभाते हैं “,
वहाँ ” आशा ” नहीं होती , सिर्फ ” विश्वास ” झलकता है “|
[3]
‘ खुशगवार विचारों के साथ जागिये”,’खुशी’ की बात कीजिये”,खुश रहिए” ,
” नश्वर संसार तुझे डगमगाने नहीं देगा “, ” हँसते रहोगे हर घड़ी ” |
[4]
” कब चिराग बुझ जाए “,” कौन सा छण अंतिम पड़ाव होगा “,” कौन जाने ” ?
“फिर भी आजमाने में लगा है,” “धन’,’मान’,’प्रतिष्ठा’,’बंधु’,’ किसी को नहीं छोड़ा ‘,
‘ आशाओं के तूफान में ‘ ‘ सुख – चैन तेरा खो गया’ ,’ किनारों से कट गया ‘,
‘ कुसंगति से बच ‘, ‘ समझदारी का परिचय दे ‘ , ‘ कर्म – प्रधान जीवन जी ” |
[5]
“आपसदारी” शहद सरीखी है “, ‘दौलत के तराजू में मत तोलना कभी’ ,
” यह कला की अभिव्यक्ति नहीं ‘, ‘ दिलों के अहसास का खजाना है ” |