[1]
“जिसके लिए सारी दुनियाँ को अनभिज्ञ कर दिया हमने “,
“जब वो ही हमें अनभिज्ञ करने लगा”,”क्या कहें इसको” ?
[2]
“प्यार से पेश आने कि आदत है हमारी” ,” दिल दुखाने कि नहीं “,
“तुम्हारे ख्याल का दिल में समाना” ,” गुदगुदाता रहता है हमें ” |
[3]
“सहानुभूति के सहारे जिंदगी बसर नहीं होती”,” कर्मकार होना जरूरी है “,
‘आत्म-बल’ और ‘मनोबल’ बढ़ा कर ” प्रेरणा की मिशाल पेश करते रहो ” |
[4]
“हम नित्य नए सुख और भोग वस्तुओं की” ” चपेट मे आते जा रहे हैं ,”
“आधुनिक मकान “, “लुप्त होते बाग- बगीचे “,”कीट- नाशकों का उपयोग “,
” मौसम में तेज़ बदलाव ” , “भौतिकवादी वस्तुओं का प्रयोग “, कुपोषण ” ,
“जन-जीवन प्रभावित है”,”अस्तित्व का खतरा उत्पन्न हो गया है देख लो “|
“आधुनिक मकान “, “लुप्त होते बाग- बगीचे “,”कीट- नाशकों का उपयोग “,
” मौसम में तेज़ बदलाव ” , “भौतिकवादी वस्तुओं का प्रयोग “, कुपोषण ” ,
“जन-जीवन प्रभावित है”,”अस्तित्व का खतरा उत्पन्न हो गया है देख लो “|
[5]
“किसी भी वस्तु की कामना करते ही ” ” मन भटकने लगता है ” ,
“कामना करके स्वम अपने शांत मन को” “अशांत कर लिया तूने” ,
“मिथ्या भ्रम पाल कर अपना मन’ ‘ मयूर क्यों कर रहे हो दोस्तों” ,
” संसार में कोई भी वस्तु ” ” अपने आप में सुख पूर्ण है ही नहीं ” |
“कामना करके स्वम अपने शांत मन को” “अशांत कर लिया तूने” ,
“मिथ्या भ्रम पाल कर अपना मन’ ‘ मयूर क्यों कर रहे हो दोस्तों” ,
” संसार में कोई भी वस्तु ” ” अपने आप में सुख पूर्ण है ही नहीं ” |
[6]
“किसी से कुछ लेने के बजाय कुछ देना सदा उत्तम होता है “,
“ईश्वर इन्हें पसंद करता है” ‘ जो सदा हँसते हुए दान करते हैं” |
“ईश्वर इन्हें पसंद करता है” ‘ जो सदा हँसते हुए दान करते हैं” |
[7]
“मैं तो , उलझनों के पहाड़ पर चढ़ कर बैठा रहा सदा” ,
“आनंद की अनुभूति के लिए” “सारी उम्र निकाल दी मैंने” |
“आनंद की अनुभूति के लिए” “सारी उम्र निकाल दी मैंने” |
[8]
” प्रेम का बिरवा निरंतर सींचते रहो “,
“सूख गया तो पत्ता भी टूट जाता है ” |
“सूख गया तो पत्ता भी टूट जाता है ” |