[1]
‘न कोई साथ देता है न कोई हाथ देता है,’
‘छलावा है यहाँ ‘,
‘कर्मयोग को साथी बना’,
‘मुस्कराते जिंदगी कट जाएगी तेरी ‘|
[2]
‘जैसे लोहे को उसकी जंग ही नष्ट कर डालती है ‘,
‘ऐसे ही इंसान की घटिया सोच डुबो देती है उसे ‘,
‘अच्छी सोच रक्खोगे तो सब अच्छा ही घटित होगा’ ,
‘प्रभु सिमरण में मन को लगा,कल्याण ही कल्याण है ‘|
[3]
‘जब उत्तम विचार तुम्हें घेर कर रखते हैं ,’
‘कौन कहता है तुम सदा अकेले रहते हो ‘|
[4]
‘जो भावनाओं को समझता हो वो अपना है’ ,
‘जो न समझता हो वह पराया सा लगता है’ ,
‘अनेकों दूर रह कर भी ‘ ‘अपने से लगते है ‘,
‘कुछ पास रहकर भी ‘ ‘ पराए से लगते हैं ‘|
[5]
‘जब व्यस्तता इतनी बढ़ जाए’ ,
‘गुरु और प्रभु’ को भूलने लगो’ ,
‘अपने सूर्य का अंत निश्चित समझ’ ,
‘खुदा खैर करे ‘|
[6]
‘बड़े बुजुर्गों के पास बैठने का’
‘बड़ा कमाल देखा ‘,
‘जवान बूढ़ा नहीं होता’ ,
‘बूढ़ा जवान बना रहता है ‘|
[7]
‘जब जन्मा था तो खूब चिल्लाया था’ ,
‘मरे तो लोग चिल्लाने लगे ‘,
‘बीच का समय मुस्करा कर जी लो’ ,
‘इसी का नाम जीवन है ‘|
[8]
‘जीवन की आखिरी सांस कब निकल जाए,कौन जानता है ‘,?
‘आज की मुलाक़ात आखिरी है’ ‘कौन बताएगा हमको ‘,?
‘इस ईहापोह भरी जिंदगी में,’प्यार का दीपक जलाए रक्खो ‘,
‘मौत तो निश्चित है’,इंसानियत का झण्डा गाड़ कर जाओ’ |
[9]
‘आधुनिक माँ जीन्स पहने देखी जाती है,’
‘आँचल नहीं रखती ‘,
‘नई पीढ़ी के युवा जब दुःखी होंगे’,
‘माँ का आँचल ढूंढते रह जाएंगे’|