[1]
‘गल्तियाँ सभी करते हैं , इतनी मत करो की गिनती भी भूल जाएँ ,’
‘जिंदगी की जीवन रेखा तय है’,’क्यों न मुस्करा कर जी लिया जाए ‘
[2]
‘खुद की हकीकत समझनी हो तो ,अपने दिल की गहराई में उतर’,
‘सीसा देख कर शहँशाह समझते हो’ ,’गलतफहमी में जी रहे हो आप ‘|
[3]
‘परिवार की कीमत उससे पुछो’ ,’जिसका अपना चला गया ,’
‘पत्थर दिल बनाए बैठे हो’ ,’ सब्र की घूंट पिये रहते हो ‘|
[4]
‘तुम बीच अधर में छोड़ कर चले गए’ ,’शायद सोचा होगा ,’
‘जब मुसीबत का पहाड़ टूटेगा’ ,’मैं अकेला ही निबट लूँगा ‘|
[5]
‘यदि तू खुद से नहीं हारा तो ‘,’अपनी जीत सुनिश्चित समझ ,’
‘ना समझ हैं वो जो संघर्ष से’ ,’घबरा कर भाग जाते हैं ‘|
[6]
‘तेरे विचार और व्यवहार’ ही ‘पहचान करा देते हैं ,’
‘चेहरा तो एक मुखौटा मात्र है’ ,’हकीकत से दूर है ‘|
[7]
‘ अपने बुजुर्गों का सम्मान करो’ ,’ तुम भी उसी रास्ते पर हो ,’
‘जो नींव बच्चों में डालोगे वैसा ही’ ,’प्रतिफल मिलना सुनिश्चित समझ ‘|
[8]
‘जितनी सीधी और साफ राह पकड़ता हूँ ,उतनी आराम से कट जाती है ,’
‘जब भी दांव-पेंच लगाने की कोशिश करी ‘ऊंधे-मुंह गिर कर ही रहा ‘|
[9]
‘प्रभात ‘को ‘सुप्रभात’ में बदलना है , तो उच्च विचारों का मालिक बन ‘,
‘कुविचारी”दुर्विचारी’कभी उभर नहीं पाता,’दुविधा में जीवन गुजरता है’ |
[10]
‘जब भी हमारी याद आ जाए ,जरा मुस्करा भर देना ‘,
‘हमारी पुरानी आदत है तेरा फसाना समझ जाएंगे फौरन ‘|