[1]
परिवार में एक दूसरे के पूरक बन कर रहने का प्रयास सार्थक है ‘,
‘तभी समाज,राष्ट्र और धर्म हेतु कुछ कर पाओगे ,महक जाओगे ‘,
‘टूटती एकता को जोड़ने का प्रयास, कुछ भी बिगड़ने नहीं देगा, ‘
‘सबको गले लगाओ,समभाव में जियो अभी कुछ देर नहीं हुई है ‘|
[2]
‘जीवन तो जीवन तभी है जब इसमें स्नेह और सम्मान है ‘,
‘यदि प्यार से महरूम है तो ,’ उस जीवन का जीवन नहीं ‘|
[3]
‘कुछ रिस्ते ऐसे हैं जो रिस्ते नहीं
‘फरिस्ते’ नज़र आते हैं ‘,
‘मेरे नाक से पानी बहता है और
‘वहाँ बेहाल हो जाते हैं वो ‘|
[4]
‘चील की ऊंची उड़ान देख कर , चिड़िया हतोत्साहित नहीं होती ‘,
‘तू तो मानव है,दूसरे की ऊंचाई देख कर ‘तनाव’ में क्यों आता है ‘?
[5]
‘जरूरतमन्द के लिए दिल नहीं पसीजता तेरा’ ,
‘ मंदिर में सब कुछ लुटाने को तैयार रहते हो’ ,
‘ गजब की चादर ओढ़ रक्खी है मन पर’ ,
‘अरे मानव ! जहालत की कोई सीमा नहीं तेरी’ |
[6]
‘राधा तू कहाँ चली गयी थी बहुत देर से बेचैन था तेरे लिए ‘,
‘मैं इतना बेसुक्ररा नहीं तुम मेरा ख्याल रखती रहो और में सुध भी न लू तेरी’ |
[7]
‘उतना भोजन लीजिये जितना पेट समाय’,
‘ अधिकता उत्तम नहीं ,’ व्यर्थ नष्ट हो जाए ‘
[8]
‘दूसरे के कारण हमारे आंसूँ निकले तो उससे लडेगा ‘,
‘खुद हर बार पर हमसे भिड़ेगा ,’ गजब प्यार है तेरा ‘|
[9]
‘जिसने कोई वादा नहीं किया परंतु निभाने का सलीका लाजबाब था’ ,
‘वो अहसानों के तले नहीं अहसासों के तले पका इंसान था ‘ |
[10]
‘कुटिल मन कहीं भी स्थिर नहीं रहता’,
‘बैर की तरफ ही भागता है’,
‘मंदिर /मस्जिद तभी याद आएगा’ ,
‘जब उनसे पीछा छुड़ायेगा’|