[1]
हमारे देश में
‘जब बैंक’ सरकार के कानून धता कर, अपनों को ‘दौलत’ लुटाते हैं,
‘धन की लूट का दूध’ रोज पिलाते हैं , तो हम क्यों नहीं पिए`,
‘हराम का हलवा ‘ किस को बुरा लगेगा , वह तो कोई बताएं ,
‘देश’ को खूंटी पर टांग कर , हम सभी ‘ माल्या’ बन गए हैं अब’ !
[2]
हमारे देश में
‘ भारत माता की जय ‘ बोल दिया , तो ‘ हिंदुस्तानी हिंदू’ हो गया ,
‘अगर ‘मादरे वतन’ कोई कह गया, तो ‘मुसलमान पाकिस्तानी’ हो गया,
‘ अजीब दास्तां है मेरे देश की , यही शिकंजा कस रहा है आजकल,
‘किसी को ‘राम- राम’ कहो या ‘सलाम’ कहो ,दोनों सम्मान देते हैं’ !
[3]
हमारे देश में
‘कोई ‘देश ‘ की तरफ ‘आंख ‘ न उठाए, ‘दुश्मनों’ को लताडना सीखो,
‘अगर अभी नहीं जागे , आतंकी हमलों का दर्द झेलना ही होगा ,
‘गद्दारों ‘ को ढूंढ-ढूंढ कर,’सख्त सजा’ देने का ‘साहसिक-कदम’ उठाओ,
‘ भयंकर चुनौतियों ‘ से निपटने के ‘ब्रह्मास्त्र ‘ का प्रयोग बेहद जरूरी है, !