Home कोट्स Motivational Quotes सभी सामान्य प्राणी नहीं, कुछ न कुछ विशेषता जरूर होती है| खुद को तरासिए |

सभी सामान्य प्राणी नहीं, कुछ न कुछ विशेषता जरूर होती है| खुद को तरासिए |

1 second read
0
0
332

[1]

‘जरा सोचो
‘तुम’  खुश  रहो , स्वस्थ  रहो , तुम्हारा  ‘ अस्तित्व ‘  बड़ा  कीमती  है ,
आपस में ‘मिलना जुलना’ जरूरी नहीं, दिल में ‘बने रहने’ की जरूरत है |

[2]

जरा सोचो
किसी  की  ‘ बातें ‘  सही  हों  या  गलत , ‘ उत्तर ‘  देना  चाहिए ,
‘शांत’ रह जाने से, ‘लोगों’ को ‘सीमा पार’ करते कई बार देखा है !

[3]

जरा सोचो
जब   कोई  ‘समस्या’  आती  है, ‘समाधान’  भी  साथ  लाती  है,
‘झमेलों’ में  पड़े रहने  के कारण, हम  उनका ‘हल’ ढूंढते  ही  नहीं !

[4]

जरा सोचो
अपनी  ‘कमियों’ को  ‘संज्ञान’  में  लाओ, ‘दोष- रहित’  होने  का  प्रयास  करो,
यूं  ही  ‘डगमग’  होते  रहे  तो ‘पश्चाताप’  के  अलावा  कुछ  नहीं  ‘पा’ आओगे !
 
[5]

 जरा सोचो

बंटवारे  में  मां  ने  पूछा  ‘ मैं  किसके  हिस्से  में  हूं  ‘ ?
शब्द  सुनते  ही  मैं  चक्कर  खा  कर  गिर  पड़ा  ,
इस  त्रासदी  का  एहसास  जब  जागा, बहुत  देर  हो  गई  थी,
सभी बच्चे अपनी डफली अपना राग में, पूरी तरह से मगन थे |
[6]
 जरा सोचो
‘किस्मत’ पर ‘ताला’ नहीं होता, फिर भी ‘कर्म की चाबी’ घुमाए जा ,
“आज नहीं तो कल’ ‘वक्त’ बदलेगा, अटारी पर ‘कोयल’ भी गाएगी !
[7]
जरा सोचो
‘ जिज्ञासा’ और ‘जान’  की भूख, तुम्हें ‘परिभाषित’ करा  देगी,
तुम  ‘ सामान्य  प्राणी ‘  नहीं  ‘ मानवता ‘  के  ‘ प्रतिबिंब ‘  हो !
[8]
जरा सोचो
मानव ! ‘जरूरतों’ में ‘उलझा’ पड़ा है,’सकून’ पाने की कोशिश नहीं,
‘खाली हाथ’ आया था ‘खाली हाथ’ जाएगा,’ हाय तोबा’ किसलिए ?
[9]
जरा सोचो
‘हम’- ‘ भीड़ ‘  में  तो  भीड़ ‘  हैं ,  जिंदगी ‘  नहीं ,
‘जिंदगी’ की रचना करनी है, तो ‘भीड़’ से निकलो !
[10]
जरा सोचो
‘ बेकसूर’  जब  ‘तकलीफ’  मिलती  है ,’दर्द’  बहुत  होता  है,
‘ देने  वाले’  समझते  हैं, ‘हमने  जो  किया  अच्छा  किया’ !
Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In Motivational Quotes

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…