Home कविताएं प्रेरणादायक कविता ‘सपने सच न हों’ तो ‘रास्ते बदलो’ ‘सिद्धांत नहीं ‘

‘सपने सच न हों’ तो ‘रास्ते बदलो’ ‘सिद्धांत नहीं ‘

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*कामयाब’ व्यक्ति की* *सिर्फ ‘चमक’ लोगों को* *दिखाई देती है*।

*उसने  कितने  ‘ अंधेरे ‘ देखे  हैं , ** यह  कोई  नहीं  जानता..*

*यदि सपने  सच नहीं  हो  तो**रास्ते बदलो..सिद्धान्त नहीं*।

*क्योंकि*  *पेड़   हमेशा   पत्तियाँ   बदलते   हैं…**जड़ें  नहीं * *

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