[1]
‘मुसीबतों से नहीं उल्झे तो मजबूत नहीं हो पाओगे ‘,
‘ये ही तो सिखाती हैं ,’कठिनाई में कैसे जिया जाए ‘?
[2]
‘वक्त ठीक नहीं है तो ‘सुबुद्धि’ भी ‘ कुबुद्धि ‘ में बदल जाती है ‘,
‘घबरा कर भटक गए तो ‘वक्त’ अपना रंग दिखाता जरूर है ‘|
[3]
‘असमानताएं हर जगह हैं ,
‘फिर घबराना किसलिए ‘?
‘जीभ’ दातों के बीच रहती है’ ,
‘अपने काम से पीछे नहीं हटती फिर भी ‘|
[4]
‘हमारी न्याय प्रणाली की रफ्तार बहुत ढीली है ‘,
‘फैसला आते-आते , जवानी से बुढ़ापा आ गया ‘|
[5]
जब सर्वोच्च न्यायालय से फाइलें गायब होने लगी’ ,
‘आम-जन कैसे जिएगा देश में ,अब ये ही सवाल है ‘,
‘सबकुछ बिक सकता है देश में ,जब ‘जमीर’ है ही नहीं’ ,
‘सरकारी अमले को थोड़ा ‘जमीर’ बख्श दे मेरे दाता ‘|
[6]
‘हर पल श्रेष्ठ है , हर पल को’
‘खुशनुमा हो कर बिताईये ‘,
‘अगला पल मिले या न मिले’ ,
‘कोई कह नहीं सकता ‘|
[7]
‘छोटी-मोटी बातों को दिल में जगह दोगे तो कमजोर रहोगे’,
‘बड़े दिल वाले बनों ,’बड़ी सोच जगाओ’,’बड़े बन जाओगे ‘|
]8]
‘नफरत करते हो तो करते रहो’ ,
‘ये आपका अनुमान है ‘,
‘हम तो सत्कर्म में संलग्न हैं ‘,
‘उसी से फुर्सत नहीं ‘|
[9]
‘जब स्वम दर्द से गुज़रोगे तभी’,
‘दूसरों के दर्द को समझोगे ‘,
‘जो मखमली गद्दों पर रहते हैं ‘,
‘दर्द का अहसास होता ही नहीं ‘|
[10]
‘सफलता मिलने के पश्चात’ ,
‘उसे पचाये रखना ज्यादा महत्वपूर्ण है’,
‘घमंडी होते देर नहीं लगती ‘,
‘पैर जमीन पर नहीं रहते ‘|