🌹🌹अति सुन्दर प्रसंग🌹 🌹
। समय निकाल कर अवश्य पढें ।
*एक आदमी ने एक पेंटर को बुलाया अपने घर , और अपनी नाव दिखाकर कहा कि इसको पेंट कर दो !*
*उस पेंटर ने पेंट लेकर उस नाव को पेंट कर दिया, लाल रंग से जैसा कि नाव का मालिक चाहता था । *
*फिर पेंटर ने अपने पैसे लिए और चला गया !*
*अगले दिन , पेंटर के घर पर वह नाव का मालिक पहुँच गया , और उसने एक बहुत बड़ी धनराशी का चे क दिया उस पेंटर को ! *
*पेंटर भौंचक्का हो गया , और पूछा – ये किस बात के इतने पैसे हैं ? मेरे पैसे तो आपने कल ही दे दिये थे !*
*मालिक ने कहा – ये पेंट का पैसा नहीं है , बल्कि ये उस नाव में जो ” छेद ” था , उसको रिपेयर करने का पैसा है !*
*पेंटर ने कहा – अरे साहब , वो तो एक छोटा सा छेद था , सो मैंने बंद कर दिया था । उस छोटे से छेद के लिए इतना पैसा मुझे , ठीक नहीं लग रहा है !*
*मालिक ने कहा – दोस्त , तुम समझे नहीं मेरी बात ! अच्छा में विस्तार से समझाता हूँ । जब मैंने तुम्हें पेंट के लिए कहा तो जल्दबाजी में तुम्हें ये बताना भूल गया कि नाव में एक छेद है उसको रिपेयर कर देना !*
*और जब पेंट सूख गया , तो मेरे दोनों बच्चे उस नाव को समुद्र में लेकर नौकायन के लिए निकल गए !*
*मैं उस वक़्त घर पर नहीं था , लेकिन जब लौट कर आया और अपनी पत्नी से ये सुना कि बच्चे नाव को लेकर नौकायन पर निकल गए हैं !*
*तो मैं बदहवास हो गया । क्योंकि मुझे याद आया कि नाव में तो छेद है !*
*मैं गिरता पड़ता भागा उस तरफ , जिधर मेरे प्यारे बच्चे गए थे । लेकिन थोड़ी दूर पर मुझे मेरे बच्चे दिख गए , जो सकुशल वापस आ रहे थे !*
*अब मेरी ख़ुशी और प्रसन्नता का आलम तुम समझ सकते हो !*
*फिर मैंने छेद चेक किया , तो पता चला कि , मुझे बिना बताये तुम उसको रिपेयर कर चुके हो !*
*तो मेरे दोस्त उस महान कार्य के लिए तो ये पैसे भी बहुत थोड़े हैं !*
*मेरी औकात नहीं कि उस कार्य के बदले तुम्हे ठीक ठाक पैसे दे पाऊं !*
*जीवन मे ” भलाई का कार्य ” जब मौका लगे हमेशा कर देना चाहिए , भले ही वो बहुत छोटा सा कार्य ही क्यों न हो !*
*क्योंकि कभी कभी वो छोटा सा कार्य भी किसी के लिए बहुत अमूल्य हो सकता है ।*
*सभी मित्रों को जिन्होने ‘हमारी जिन्दगी की नाव’ कभी भी रिपेयर की है उन्हें हार्दिक धन्यवाद …..*
*और सदैव प्रयत्नशील रहें कि हम भी किसी की नाव रिपेयरिंग करने के लिए हमेशा तत्पर रहें*
🌹🙏जय श्री कृष्णा 🙏🌹
!!!! श्री राधे राधे जी !!!!