‘मैं सबको कुछ न कुछ’ ‘समझाने का प्रयास करता हूँ’ ,
‘कमाल यह है’ ‘किसी भी बात को’ ,‘खुद समझता ही नहीं’ ,
‘हर बात सुलझाने की बजाय’ , ‘उलझती ही चली जाती है,
‘हे मौला’!’मुझे कुछ सदबुद्धि दे’,’किसी के कुछ काम आ जाऊँ’ |
‘मैं सबको कुछ न कुछ’ ‘समझाने का प्रयास करता हूँ’ ,
‘कमाल यह है’ ‘किसी भी बात को’ ,‘खुद समझता ही नहीं’ ,
‘हर बात सुलझाने की बजाय’ , ‘उलझती ही चली जाती है,
‘हे मौला’!’मुझे कुछ सदबुद्धि दे’,’किसी के कुछ काम आ जाऊँ’ |
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