Home ज्ञान सदगुणों का वरण करो केवल !

सदगुणों का वरण करो केवल !

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‘ ज्ञान ,ध्यान,तपस्या ,  प्रेम ‘ ‘जैसे  रत्न  सदैव  हमारे  साथ  होते  हैं ‘ ,

‘अपने  शरीर  को  इन  गुण-रूपी   रत्नों  से  सजाओ ‘,  ‘ तर  जाओगे ‘,

‘अन्य  रत्न’ , ‘रत्न  नहीं  होते’ , ‘दोष  हैं तुम्हारे ‘, ‘मरते ही साथ  छोड़  देंगे ‘ ,

‘ जो रत्न  जन्म-जन्मांतर  साथ  देते हैं ‘ , ‘उनको  वरण   करो  केवल ‘ |

 

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