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सकारात्मक सोच की ताकत और उसका प्रभाव

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*मै फ़ुल गारन्टी लेता हूँ।आज इस पोस्ट को पढ़कर सारी ज़िन्दगी की टेंशन खत्म हो जायेगी*।

*बस धैर्य ओर शांति से पढ़े*।

*POWER OF POSITIVE THOUGHT*

*एक व्यक्ति काफी दिनों से चिंतित चल रहा था जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा तनाव में

रहने लगा था। वह इस बात से परेशान था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते  हैं, पूरे  परिवार

की जिम्मेदारी उसी के ऊपर है, किसी ना किसी रिश्तेदार का उसके यहाँ आना जाना लगा ही रहता

है, उसे बहुत ज्यादा INCOME TAX देना पड़ता है आदि – आदि*।

*इन्ही बातों को सोच सोच कर वह काफी परेशान रहता था तथा बच्चों को अक्सर डांट देता था तथा

अपनी पत्नी से भी ज्यादातर उसका किसी न किसी बात पर झगड़ा चलता रहता था*।

*एक दिन उसका बेटा उसके पास आया और बोला पिताजी मेरा स्कूल का होमवर्क करा दीजिये, वह

व्यक्ति पहले से ही तनाव में था तो उसने बेटे को डांट कर भगा दिया लेकिन जब थोड़ी देर बाद उसका

गुस्सा शांत हुआ तो वह बेटे के पास गया तो देखा कि बेटा सोया हुआ है  और  उसके  हाथ  में  उसके

होमवर्क की कॉपी है। उसने कॉपी लेकर देखी और  जैसे  ही  उसने  कॉपी  नीचे  रखनी  चाही , उसकी

नजर होमवर्क के टाइटल पर पड़ी*।

*होमवर्क का टाइटल था* *********************

*वे चीजें जो हमें शुरू में अच्छी नहीं लगतीं लेकिन बाद में वे अच्छी ही होती हैं*।

*इस टाइटल पर बच्चे को एक पैराग्राफ लिखना था जो उसने लिख लिया था। उत्सुकतावश उसने

बच्चे का लिखा पढना शुरू किया बच्चे ने लिखा था* •••

*मैं अपने फाइनल एग्जाम को बहुंत धन्यवाद् देता हूँ क्योंकि शुरू में तो ये बिलकुल अच्छे नहीं

लगते लेकिन इनके बाद स्कूल की छुट्टियाँ पड़ जाती हैं*।

● *मैं ख़राब स्वाद वाली कड़वी दवाइयों को बहुत धन्यवाद् देता हूँ  क्योंकि  शुरू  में  तो  ये  कड़वी

लगती हैं लेकिन ये मुझे बीमारी से ठीक करती हैं*।

● *मैं सुबह – सुबह जगाने वाली उस अलार्म घड़ी को  बहुत  धन्यवाद्  देता हूँ  जो  मुझे  ह र  सुबह

बताती है कि मैं जीवित हूँ*।

● *मैं ईश्वर को भी बहुत धन्यवाद  देता  हूँ  जिसने  मुझे  इतने  अच्छे  पिता  दिए  क्योंकि  उनकी

डांट मुझे शुरू में तो  बहुत  बुरी लगती  है  लेकिन  वो  मेरे  लिए  खिलौने  लाते  हैं, मुझे  घुमाने  ले

जाते हैं और मुझे अच्छी  अच्छी  चीजें  खिलाते  हैं  और  मुझे  इस  बात  की  ख़ुशी  है  कि  मेरे पास

पिता  हैं  क्योंकि   मेरे  दोस्त  सोहन  के  तो  पिता  ही  नहीं  हैं*।

*बच्चे का होमवर्क पढने के बाद वह व्यक्ति जैसे अचानक नींद से जाग गया हो। उसकी सोच

बदल सी गयी। बच्चे की लिखी बातें उसके दिमाग में बार बार घूम रही थी। खासकर वह last

वाली लाइन। उसकी नींद उड़ गयी थी। फिर वह व्यक्ति थोडा शांत होकर बैठा और उसने अपनी

परेशानियों के बारे में सोचना शुरू किया*।

●● *मुझे घर के सारे खर्चे उठाने पड़ते हैं, इसका मतलब है कि मेरे पास घर है और ईश्वर की

कृपा से मैं उन लोगों से बेहतर स्थिति में हूँ जिनके पास घर नहीं है*।

●● *मुझे पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है, इसका मतलब है कि मेरा परिवार है,

बीवी बच्चे हैं और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से ज्यादा खुशनसीब हूँ जिनके पास परिवार

नहीं हैं और वो दुनियाँ में बिल्कुल अकेले हैं*।

●● *मेरे यहाँ कोई ना कोई मित्र या रिश्तेदार आता जाता रहता है, इसका मतलब है कि मेरी

एक सामाजिक हैसियत है और मेरे पास मेरे सुख दुःख में साथ देने वाले लोग हैं*।

●● *मैं बहुत ज्यादा INCOME TAX भरता हूँ, इसका मतलब है कि मेरे पास अच्छी नौकरी

/व्यापार है और मैं उन लोगों से बेहतर हूँ जो बेरोजगार हैं या पैसों की वजह से बहुत सी चीजों

और सुविधाओं से वंचित हैं*।

*हे ! मेरे भगवान् ! तेरा बहुंत बहुंत शुक्रिया ••• मुझे माफ़ करना, मैं तेरी कृपा को पहचान नहीं पाया।*

_*इसके बाद उसकी सोच एकदम से बदल गयी, उसकी सारी परेशानी, सारी चिंता एक दम से जैसे

ख़त्म हो गयी। वह एकदम से बदल सा गया। वह भागकर अपने बेटे के पास गया और सोते हुए बेटे

को गोद में उठाकर उसके माथे को चूमने लगा और अपने बेटे को तथा ईश्वर को धन्यवाद देने लगा*।_

*हमारे सामने जो भी परेशानियाँ हैं, हम जब तक उनको नकारात्मक नज़रिये  से  देखते  रहेंगे  तब

तक हम परेशानियों से घिरे रहेंगे लेकिन  जैसे  ही  हम  उन्हीं  चीजों  को,  उन्ही  परिस्तिथियों  को

सकारात्मक नज़रिये से देखेंगे, हमारी सोच एकदम से बदल जाएगी,  हमारी  सारी  चिंताएं,  सारी

परेशानियाँ,  सारे  तनाव   एक   दम   से  ख़त्म   हो   जायेंगे  और  हमें  मुश्किलों  से  निकलने  के

नए – नए  रास्ते  दिखाई  देने  लगेंगे।*
??

*अगर   आपको   अज्ञात   व्यक्ति    की    लिखी    हुई    यह    बात    अच्छी    लगे    तो     इसका

 अनुकरण  करके  जिन्दगी  को  खुशहाल  बनाइये*.

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