Home कविताएं प्रेरणादायक कविता “संघर्ष का मादा नहीं तो पिस जाओगे “

“संघर्ष का मादा नहीं तो पिस जाओगे “

1 second read
0
0
1,142

 

दिल   की  सुनते  नहीं  , संघर्ष   का  मादा  नहीं , इच्छाओं  में  पिस   जाओगे ,

अपनी   इच्छा  व  प्रतिभा  बिना  परखे , भीड़  का  हिस्सा  बन कर रह जाओगे ,

सिर्फ  निराशा  और  धुन्ध  के  अलावा , कुछ  भी  हाथ  मे   नहीं  आ  पाएगा ,

अंधी  दौड़ -किसी  अनजाने  लक्ष  के नजदीक  लाती  है , शार्टकट  मत  तलाशो ,

संघर्ष  जीवन  का यथार्थ  है ,हमे  मजबूत  बनाकर  अनेकों  अनुभव  कराता  है ।

आसपास  छाए  झूठे  आस्वासनों  के  बादलों  का  सूखापन  , हमें  जला   देगा ,         

यह  हमें  व्यावहारिक  बनाता  है , आत्मनिर्भर  बनने  की ओर  अग्रसर करता  है ,

संघर्ष  समय  के  साथ चलना  सिखाता  है , समझने  की  पैनी  निगाह  देता  है  | 

Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In प्रेरणादायक कविता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…