
ललक है –तो कोई ” चींटी ” से भी सीख सकता है ,
ललक नहीं — तो कोई कुछ भी नहीं सिखा सकता ,
“संघर्ष ” करिये ,” कुछ करिये” ,” सफलता ” अवश्य मिलेगी ,
अनेकों बार मानव ने ही , “असम्भव ” को भी ” सम्भव ” बनाया है |
ललक है –तो कोई ” चींटी ” से भी सीख सकता है ,
ललक नहीं — तो कोई कुछ भी नहीं सिखा सकता ,
“संघर्ष ” करिये ,” कुछ करिये” ,” सफलता ” अवश्य मिलेगी ,
अनेकों बार मानव ने ही , “असम्भव ” को भी ” सम्भव ” बनाया है |
‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धक…
Login