‘ सही स्नान का तरीका नहीं ‘
[ IT IS SCIENTIFIC KNOWLEDGE ABOUT PROPER WAY OF TAKING BATH ]
क्या आपने कभी अपने आसपास ध्यान से देखा या सुना है कि नहाते समय बुजुर्ग को लकवा
मार गया ? दिमाग कि नस फट गयी या हार्ट अटैक आ गया |
छोटे बच्चों को नहलाते समय बहुत काँपता है , डरता है और माता समझती है वह नहाने
से दर रहा है |
दरअसल हमारे शरीर मे गुप्त विद्युत शक्ति रुधिर [ खून ] के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होती
रहती है जिसकी स्वास्थ्य वर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरम्भ होकर नीचे पैरों कि
तरफ आती है |
सिर मे बहुत महीन नलिकायेँ होती हैं जो दिमाग को रक्त पहुंचाती हैं |
यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सिर पर ठंडा पानी डाल कर नहाता है तो ये नलिकायेँ सिकुड़ने
लग जाती हैं या यह कहिए रक्त के धक्के जमने लग जाते हैं | और जब शरीर इनको सहन
नहीं कर पाता तो ऊपर लिखी घटनाएँ वर्षों बीतने के बाद बुजुर्गों के साथ होती हैं |
सीधे सिर पर पानी डालने से हमारा सिर ठंडा होने लगता है जिससे ह्रदय को सिर की तरफ
ज्यादा तेज़ी से रक्त भेजना पड़ता है जिससे या तो बुजुर्ग मे हार्ट अटैक या दिमाग की नस
फटने की अवस्था हो सकती है |
ठीक उसी तरह बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है जिससे बच्चों के काँपने से
शरीर मे गर्मी उत्पन्न होती है और माँ समझती है कि बच्चा डर रहा है | गलत तरीके से
नहाने से बच्चों की ह्रदय कि धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है | ज़रा स्वम परिछ्ण कीजिये |
तो आइये हम आपको नहाने का सबसे सही तरीका बताते हैं :-
बाथरूम मे आराम से बैठ कर या खड़े हो कर सबसे पहले पैर के पंजों पर पानी डालिए ,
रगड़िए फिर पिंडलियों पर फिर घुटनों पर फिर जांघों पर पानी डालिए और हाथों से ज़रा मालिस
करिये | फिर हाथों से पानी ले कर पेट रगड़िए , कंधो पर पानी डालिए और मुंह मे पानी
भरिये और अंत मे सिर पर पानी डालिए | आप चाहें तो शावर के नीचे खड़े हो कर या
बाल्टी से भी सिर पर पानी उड़ेलिए | इस प्रक्रिया मे केवल एक मिनट लगता है लेकिन
इससे आपके जीवन की रक्षा होती है | इस एक मिनट की प्रक्रिया से विद्युत प्रक्रिया की
दिशा ऊपर से नीचे ही बहती रहती है क्योंकि विद्युत को आकर्षित करने वाला पानी सबसे
पहले पैरों पर डाला गया है |
बच्चों के इस तरीके से स्नान करने से कम्पन बिलकुल नहीं होता और वह नहीं डरता |
इस पृक्रिया से शरीर की गर्मी पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है और आप कितनी भी सर्दी
मे नहाएँ , कभी जुकाम या बुखार नहीं होगा |