आज तो कभी कोई किसी का होता नहीं दीखता ,
मतलब के यारों का ज़माना आ गया है आज तो ,
रुठों को मनाना सीख गए , गजब हो गया समझो ,
रिस्तों को निभाना जान लिया ,इंसानियत होगी तेरी |
आज तो कभी कोई किसी का होता नहीं दीखता ,
मतलब के यारों का ज़माना आ गया है आज तो ,
रुठों को मनाना सीख गए , गजब हो गया समझो ,
रिस्तों को निभाना जान लिया ,इंसानियत होगी तेरी |
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