‘रिस्तों की पवित्रता’ ‘ संकट मे है ‘ , ‘ छिलके उतारे जा रहे हैं रात-दिन ‘ ,
‘माँ-बाप’ , ‘भाई-भाई ‘ , ‘ बहन-भाई ‘ , ‘सब कुछ सिमटता जा रहा है देश मे ‘,
‘कलयुगी रावण ‘ ‘ घर – घर मे पधारे’ , ‘ राम ‘ ‘ उड़ंन छू हो गए हैं अब’ ,
‘तुलसी के राम’ , ‘सूर के श्याम ‘ , ‘स्वप्न जैसा दीखता है आजकल ‘ |