Home ज़रा सोचो ‘ रिस्ते हों या मित्रता , जीवन भर निभाएँ “- एक विवेचना जो सारगर्भित है } |

‘ रिस्ते हों या मित्रता , जीवन भर निभाएँ “- एक विवेचना जो सारगर्भित है } |

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रिश्ता   चाहे   प्रेम   का   हो   या   मित्रता   का, अपनेपन   का   हो   या   विश्वास   का…. अगर   सम्बन्धों   में “🄲🄾🅁🄾🄽🄰”  के  लक्षण ,   अर्थात
🄲 – Carelessness (बेपरवाही)
🄾 – Objection (विरोध/शंका)
🅁 – Rudeness (अशिष्टता)
🄾 – Offensiveness (आक्रामकता)
🄽 – Negligence (उपेक्षा)
🄰 – Arrogance (अहंकार)
दिखाई देते हैं, तो फिर ऐसे सम्बन्धों के लिए “*🄻🄾🄲🄺-🄳🄾🅆🄽*”
जरूरी हो जाता हैं…, अर्थात
🄻 – Let them go
(उन्हें जाने दो)
🄾 – Obtain your self respect
(अपने आत्मसम्मान को प्राप्त करो)
🄲 – Close mutual communication
(परस्पर संवाद बन्द करो)
🄺 – Kill your expectations
(अपनी उम्मीदों को मारो)
🄳 – Discontinue thinking with heart
(दिल से सोचना बन्द करो)
🄾 – Open your eyes
(अपनी आँखें खोलो)
🅆 – Wait for good time
(अच्छे समय का इंतज़ार करो)
🄽 – Never trust them again
(फिर कभी उन पर भरोसा मत करो)
ऐसे  कोरोनाग्रस्त  सम्बन्धों  में  Social  Distancing  ही  नहीं,
बल्कि  Emotional  Distancing  भी  जरूरी  हैं ,  इसलिए  अपने
मन  को  आइसोलेट  ( isolate )  रखें ,  सम्बन्धों  को  क्वारन्टाईन
(quarantine)  करें  और  ऐसे  रिश्तों  को  हमेशा  के  लिए  लॉकडाउन
(Lockdown)  करिए ,  तभी  आपकी  ज़िन्दगी  पूरी  तरह  से  सेनेटाइज  ( sanitize )  हो  पाएगी  ।
*रिश्ते  हो  या  मित्रता ,  जीवन  भर  निभायेँ  ।
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