[1]
‘चाहे हंसा चाहे रुला, ‘भूखा रख या पेट भर खिला ‘,
‘तेरे चमन के फूल हैं दाता,
‘तेरी रहमत के खिदमतगार हैं ‘|
[2]
‘हम कभी मुस्कराये नहीं ,
‘अब दिन रात मुस्कराते हैं ‘,
‘शायद तेरे ख्यालों में डूबे रहना ,
‘अब अच्छा लगने लगा ‘|
[3]
‘हालात बदलने में नहीं आते तो मनस्थिति को ही बदल डालो ‘,
‘ दुर्दिन भी उड़ जाएंगे , ‘ हरियाली भी घर आ जाएगी ‘|
[4]
‘राजा का महल हो या झोपड़ी ,
‘स्वभाव ‘ प्रभाव डालता है ‘,
‘कर्कस स्वभाव’ मलियामेट कर देगा,
‘सदभाव ‘ अपना बना लेगा ‘|
[5]
‘किस्मत कितनी भी खराब हो’ ,
‘सही होने का मौका जरूर मिलता है’,
जिनकी नीयत ही खराब हो’,
‘उनको कौन बखसेगा ये तो बता ‘?
[6]
‘व्यवहार और धीरज’ नाम के हीरे-मोती से जगमग रहा ‘,
‘ पीछे मूड कर नहीं देखा , उभरता चला गया ‘|
[7]
‘जब-जब सुख-दुःख का हिसाब समझने का प्रयास किया,
‘पता चला – कर्मों के हिसाब के सिवाय सब कुछ खतम ‘|
[8]
‘यदि मेहनत’,’ हिम्मत’,’ लगन से’ ‘लक्ष्य मे जुट गए’, तो ‘भविष्य तुम्हारा है’ ,
‘रणनीति यह कहती है’ ‘ कामयाबी ‘ और ‘ सफलता’ , ‘तुम्हारे चरण चूमेंगी ‘ |
[9]
‘गहरी दोस्ती विभिन्न रंगों से सजी रहती है ‘,
‘नादान दोस्ती’ टूटे बगैर कभी रुकती नहीं ‘|
[10]
‘ चलते रहो , हर कदम पर नई उलझनें खड़ी होंगी ‘,
रुक गए तो अंतिम पायदान पर खड़ी सफलता फिसल जाएगी ‘|