Home ज़रा सोचो ” राहों के फूल चुन लो , बड़े खूबसूरत हैं ”!

” राहों के फूल चुन लो , बड़े खूबसूरत हैं ”!

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[1]

‘चाहे  हंसा  चाहे  रुला,                                                                                                                                                                          ‘भूखा  रख  या  पेट  भर  खिला ‘,
‘तेरे  चमन  के  फूल  हैं  दाता,
‘तेरी  रहमत  के  खिदमतगार  हैं ‘|

[2]

‘हम  कभी  मुस्कराये  नहीं ,
‘अब  दिन रात  मुस्कराते  हैं ‘,
‘शायद  तेरे  ख्यालों  में  डूबे  रहना ,
‘अब  अच्छा  लगने  लगा ‘|

[3]

‘हालात  बदलने में  नहीं आते  तो मनस्थिति  को  ही  बदल  डालो ‘,
‘ दुर्दिन  भी  उड़  जाएंगे  , ‘  हरियाली  भी  घर  आ   जाएगी ‘|

[4]

‘राजा  का  महल  हो  या  झोपड़ी ,
‘स्वभाव ‘  प्रभाव  डालता  है ‘,
‘कर्कस  स्वभाव’ मलियामेट  कर  देगा,
‘सदभाव ‘ अपना  बना  लेगा ‘|

[5]

‘किस्मत  कितनी  भी  खराब  हो’ ,
‘सही  होने  का  मौका  जरूर  मिलता  है’,
जिनकी  नीयत  ही  खराब  हो’,
‘उनको  कौन  बखसेगा  ये  तो  बता ‘?

[6]

‘व्यवहार और धीरज’ नाम  के  हीरे-मोती  से जगमग  रहा ‘,
‘ पीछे  मूड  कर  नहीं  देखा  ,  उभरता  चला  गया ‘|

[7]

‘जब-जब  सुख-दुःख  का  हिसाब  समझने  का  प्रयास  किया,
‘पता चला – कर्मों  के  हिसाब  के  सिवाय  सब  कुछ  खतम ‘|

[8]

‘यदि  मेहनत’,’ हिम्मत’,’ लगन  से’ ‘लक्ष्य  मे  जुट  गए’, तो ‘भविष्य  तुम्हारा  है’ ,
‘रणनीति  यह  कहती  है’ ‘ कामयाबी ‘ और ‘ सफलता’ , ‘तुम्हारे  चरण  चूमेंगी ‘ |

[9]

‘गहरी  दोस्ती  विभिन्न  रंगों  से  सजी  रहती  है ‘,
‘नादान  दोस्ती’  टूटे  बगैर  कभी  रुकती  नहीं ‘|

[10]

‘ चलते  रहो ,  हर  कदम  पर  नई  उलझनें  खड़ी  होंगी ‘,
रुक गए तो  अंतिम पायदान पर  खड़ी सफलता  फिसल जाएगी ‘|

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