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राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा

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‘तिरंगा ‘ ‘हमारी राष्ट्रियता ‘ और ‘ देश भक्ति ‘ की ‘ भावना का प्रारूप ‘ है ,
‘तिरंगा ‘ ‘हाथ मे लेते ही ‘ ‘शरीर के रोंगटों मे’ ‘रवानी आती है ‘ ,
‘तिरंगा’ ‘देश की’ ‘शान’ , ‘बान’ ,’आन’ मे ‘लिपटा ‘‘सदा मुस्कराता है’ ,
‘तिरंगा’ तो ‘हमारी भावना ‘ का ‘ सम्मान है’ , ‘हमारा स्वाभिमान है ‘ |

‘प्रत्येक भारतीय जानें’ { ‘राष्ट्रीय ध्वज के प्रतीक ‘ } :-
1 ‘राष्ट्रीय ध्वज’ की ‘ लंबाई-चौड़ाई ‘ 3 : 2 के ‘अनुपात ‘ में होती है |
2 ‘राष्ट्रीय ध्वज’ में ‘ केसरिया, सफ़ेद व हरा रंग ‘ की ‘ 3 पट्टियाँ हैं ‘|
3’ इसके मध्य में चक्र है’ ‘उसमें 24 तिलियाँ होती हैं’ |
4’ इसके लिए’ ‘ हाथ करघा खादी’ ( सूती या रेशमी ) ‘प्रयोग किया जाता है’ |
5 ‘चक्र का नीला रंग’ ‘,धर्म और ईमानदारी’ के ‘ मार्ग पर चलने की प्रेरणा ‘देता है |
6 ‘गहरा केसरिया रंग’ ‘जागृति’ , ‘शौर्य’ , व ‘त्याग’ का ‘प्रतीक है’ |
7 ‘सफ़ेद रंग’ ;सत्यता’ और ‘पवित्रता’ का ‘प्रतीक है ‘|
8 ‘गहरा हरा रंग’ ‘जीवन’ एवं ‘स्म्रद्धि’ का ‘प्रतीक’ है |
९’ राष्ट्रीय ध्वज’ ‘ 22 जुलाई, 1947 को’ ‘संविधान सभा ने अपनाया था ‘|
१० ‘तिरंगा’ ‘ 14 अगस्त ,1947 की अर्धरात्रि में’ ‘ महिलाओं की ओर से’ ‘ संविधान सभा ‘ को ‘ समर्पित किया गया था ‘|
1१’ 15 अगस्त ‘ और ‘ 26 जनवरी ‘ को ‘ सार्वजनिक स्थल’ व ‘ निजी इमारतों ‘ पर
‘ फहराया जा सकता है’ |
१२ ‘राष्ट्रीय ध्वज’ ‘ सबसे ऊपर फहराना चाहिए ‘ तथा ‘ झुकना नहीं चाहिए |’

‘कितने ही शहीद हो गए’ ‘,गुमनामी में खो गए ‘
न रण कूबारों ने कभी’ , ‘शहादत ‘ का ‘मोल नहीं मांगा’ ,
‘देश की शान्ति के लिए’, ‘खुद चुपचाप’ ‘बिदा होते चले गयें’ ,
‘इन तिरंगे के प्रहरियों को ‘, ‘मेरा कोटि-कोटि नमन ‘ |

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