‘1’
कीचड़ उछाल ‘ राजनीति , कीचड़ में भरे ‘दामन’ ही करते हैं ,
‘लोकतन्त्र की बुनियाद ‘ तो सिर्फ ‘ ईमानदारी पर खड़ी होती है’ ,
‘नई पीढ़ी पूरे उफान पर है ‘, ‘पुराने तर्क-वितर्क बूढ़े से लगते हैं ‘,
‘गलाकाट प्रतियोगिता में’ , ‘उचित-अनुचित’ ‘कुछ भी नज़र नहीं आता’ |
{2}
‘कुछ ऐसा करो’, ‘देश की महानता को’ ‘आघात ना पहुँचे’ ,
बस अपनी ‘ संस्कृति ‘ और ‘आदर्श ‘ का ‘डंका बजे संसार में ‘ ,