‘कितने भी घटिया लोग मिलें जिंदगी में ‘ ,
‘सदा अपने दिल को’ ‘मक्का-मदीना बनाए रक्खो’ ,
‘न तो जमाने की खुराफ़ातों में उलझोगे कभी ‘,
‘रहमतों के द्वार’ ‘खुले रहेंगे’ ‘तेरे लिए ताजिंदगी’ |
‘कितने भी घटिया लोग मिलें जिंदगी में ‘ ,
‘सदा अपने दिल को’ ‘मक्का-मदीना बनाए रक्खो’ ,
‘न तो जमाने की खुराफ़ातों में उलझोगे कभी ‘,
‘रहमतों के द्वार’ ‘खुले रहेंगे’ ‘तेरे लिए ताजिंदगी’ |
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