[1]
‘यूं तो ‘सबक’ से इतिहास भरा पड़ा है’ ,
‘कुछ पल्ले नहीं पड़ता ‘,
‘अगर सीखना चाहो तो जिंदगी की
‘हर शह सीखा सकती है ‘|
[2]
‘मातम का अहसास भला क्यों करें जब ज़िंदादिली से जीते हैं हम’ ,
‘जलने वाले जला करें हमारी बला से,हमें ज्यादा सोचने की फुर्सत नहीं’ |
[3]
‘बदले की आग में जल कर खोखला हो गया लगता है तू ‘,
‘जी’दार’ बन कर ‘जी’ ,’छमादान करने की कला भी सीख ले ‘|
[4]
मेरी सोच
“मित्रों ! खूबसूरती कभी खतम नहीं
होती | उम्र बढ्ने से साथ ही यह
चेहरे से दिल में उतर आती है ” |
[5]
‘घमंड मत कर ‘,
‘तुम्हारे सारे रिस्तों को खा जाएगा ‘,
‘अगर जीवन से अपनापन खतम तो’,
‘लाश’ मानिद समझ खुद को ‘|
[6]
‘पति-पत्नि का रिस्ता अटूट बनाए रखना ,दोनों की ज़िम्मेदारी है ‘,
‘विश्वास,त्याग,स्नेह,अपनापन और समर्पण ,स्थायी स्तम्भ हैं ‘,
‘कमियाँ निकालने की बजाय , एक-दूसरे को समझना जरूरी है ‘,
‘जवानी में जुड़ कर आखिरी सांस तक जुड़े रहने की कवायद है ‘|
[7]
‘संबन्ध जुड़ जाए और ताउम्र टूटे नहीं’ ,
‘वही संबंध होते हैं’,’
जोड़ने/तोड़ने का सिलसिला गर जारी रहा’
‘बंधन’ कहते हैं उसे ‘संबंध’ नहीं’|
[8]
”अपनी खुशी पागल की तरह ढूँढता फिरता है पर मिलती नहीं ‘,
‘दूसरों को खुशी देना शुरू कर दो’ ,’तुम्हें अपनी खुशी मिल जाएगी ‘|
[9]
‘अमीरों से रिस्तों को खूब बढ़ा-चढ़ा कर बखारते हो ‘,
‘गरीब के रिस्ते को छिपाते हो , शान न घटने पाये ‘,
‘सोच का स्तर निम्नतर है,उभरने का प्रयास ही नहीं ‘,
‘इंसानियत इतनी नीचे गिर जाएगी,कभी सोचा न था’ |
[10]
‘अगर एक अच्छे श्रोता बने तो आपका व्यक्तित्व चमक जाएगा ‘,
‘ सुनने में कंजूसी ‘ आपमें ‘बदलाव की आहट’ होने नहीं देगी ‘|