Home कविताएं “यूं भी कुछ सबक सीख सकते हैं ‘|

“यूं भी कुछ सबक सीख सकते हैं ‘|

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[1]

‘यूं तो ‘सबक’ से इतिहास भरा पड़ा है’ ,
‘कुछ पल्ले नहीं पड़ता ‘,
‘अगर सीखना चाहो तो जिंदगी की 
‘हर शह सीखा सकती है ‘|

[2]

‘मातम  का  अहसास  भला  क्यों  करें  जब  ज़िंदादिली  से  जीते  हैं हम’ , 
‘जलने वाले जला करें हमारी बला से,हमें ज्यादा सोचने की फुर्सत नहीं’ |

[3]

‘बदले  की  आग  में  जल  कर  खोखला  हो  गया  लगता  है  तू ‘,
‘जी’दार’ बन कर ‘जी’ ,’छमादान  करने  की  कला  भी  सीख  ले ‘|

[4]

मेरी सोच 
“मित्रों ! खूबसूरती कभी खतम नहीं 
होती | उम्र बढ्ने से साथ ही यह 
चेहरे से दिल में उतर आती है ” |

[5]

‘घमंड मत कर ‘,
‘तुम्हारे सारे रिस्तों को खा जाएगा ‘,
‘अगर जीवन से अपनापन खतम तो’,
‘लाश’ मानिद समझ खुद को ‘|

[6]

‘पति-पत्नि का रिस्ता अटूट बनाए रखना ,दोनों की ज़िम्मेदारी है ‘,
‘विश्वास,त्याग,स्नेह,अपनापन और समर्पण ,स्थायी स्तम्भ हैं ‘,
‘कमियाँ निकालने की बजाय , एक-दूसरे को समझना जरूरी है ‘,
‘जवानी में जुड़ कर आखिरी सांस तक जुड़े रहने की कवायद है ‘|

[7]

‘संबन्ध  जुड़  जाए  और  ताउम्र  टूटे  नहीं’ ,
‘वही संबंध होते हैं’,’
जोड़ने/तोड़ने  का  सिलसिला  गर  जारी  रहा’ 
‘बंधन’ कहते  हैं  उसे  ‘संबंध’ नहीं’|

[8]

”अपनी खुशी  पागल  की तरह  ढूँढता फिरता है  पर  मिलती  नहीं ‘,
‘दूसरों को खुशी देना शुरू कर दो’ ,’तुम्हें अपनी खुशी मिल जाएगी ‘|

[9]

‘अमीरों से रिस्तों को खूब बढ़ा-चढ़ा कर बखारते हो ‘,
‘गरीब के रिस्ते को छिपाते हो , शान न घटने पाये ‘,
‘सोच का स्तर निम्नतर है,उभरने का प्रयास ही नहीं ‘,
‘इंसानियत इतनी नीचे गिर जाएगी,कभी सोचा न था’ |

[10]

‘अगर  एक  अच्छे  श्रोता बने  तो आपका  व्यक्तित्व  चमक  जाएगा ‘,
‘ सुनने  में  कंजूसी ‘ आपमें  ‘बदलाव  की  आहट’  होने  नहीं  देगी ‘|

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